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मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह रेप मामले में बोले नीतीश कुमार, दोषियोंं को नहीं बख्शा जाएगा

मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह में लड़कियों के साथ यौन शोषण मामले को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को सत्तापक्ष पर निशाना साधाते हुए कहा कि बिहार में 'राक्षस राज' है।

Updated on: 05 Aug 2018, 04:00 PM

नई दिल्ली:

मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह रेप मामले को लेकर मीडिया में चल रही ख़बरों पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मीडिया इस मामले में अत्यधिक नकारत्मकता फैला रही है। नीतीश कुमार ने कहा, 'ज़रा सकरात्मक प्रतिक्रिया पर भी आप लोग कृपा कर देख लें। जो गड़बड़ करेगा वो अंदर जाएगा। उसको बचाने वाला भी नहीं बचेगा। वो भी अंदर जाएगा।'

उन्होंने आगे कहा, 'हम किसी को बख्शने वाले नहीं हैं। आज तक कोई समझौता नहीं किया है। बाकि हम ही को गाली देना है तो दीजीए। कैसे- कैसे लोग से गाली दिलवा रहे हैं।'

गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह में लड़कियों के साथ यौन शोषण मामले को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को सत्तापक्ष पर निशाना साधाते हुए कहा कि बिहार में 'राक्षस राज' है, जिसे हम सभी को मिलकर समाप्त करना है।

बता दें कि बालिका आश्रय गृह में 34 लड़कियों के साथ हुए यौन दुराचार मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के हथियारों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। मुजफ्फरपुर के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया, 'जिलाधिकारी मोहम्मद सोहैल ने नगर थाना से जारी ब्रजेश ठाकुर के एक पिस्तौल और एक राइफल का लाइसेंस निलंबित कर दिया और दो दिनों में इन हथियारों को जमा करने का आदेश दिया गया है।'

इस बीच, जिलाधिकारी के आदेश पर ठाकुर का नाम जिला रोगी कल्याण समिति से भी हटा दिया गया है।

सेवा संकल्प व विकास समिति द्वारा संचालित बालिका गृह में 34 लड़कियों से दुष्कर्म की बात एक सोशल ऑडिट में सामने आई थी। बिहार समाज कल्याण विभाग ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) द्वारा बिहार के सभी आश्रय गृहों का सर्वेक्षण करवाया था, जिसके बाद इन नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था।

इस सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संस्था के संरक्षक ब्रजेश ठाकुर समेत 10 लोगों की गिरफ्तार कर लिया। अब ब्रजेश को मिलने वाली सभी सरकारी सुविधाएं एक-एक कर वापस ली जा रही हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सिफारिश के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) ने इस आश्रय गृह दुष्कर्म मामले की जांच अपने हाथों में ली है।

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इस मामले को लेकर विपक्ष लगातार नीतीश सरकार पर निशाना साध रहा है।