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बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र से की पिछड़ों के लिए आरक्षण सीमा बढ़ाने की मांग

उन्‍होंने कहा- अनुसूचित जाति/जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोगों की जनसंख्‍या बढ़ी है, लेकिन उनके लिए आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत ही है.

Updated on: 25 Jan 2019, 08:31 AM

नई दिल्ली:

सामान्‍य वर्ग को आरक्षण दिए जाने का स्‍वागत करते हुए बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछड़ों और अति पिछड़ों के लिए आरक्षण की सीमा को बढ़ाने की मांग केंद्र सरकार से की है. उन्‍होंने कहा- अनुसूचित जाति/जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोगों की जनसंख्‍या बढ़ी है, लेकिन उनके लिए आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत ही है. उन्‍होंने कहा, 1931 के डाटा पर आरक्षण का निर्धारण हुआ है. इसलिए देश में जाति आधारित जनगणना जरूरी है. जाति आधारित जनगणना जरूरी है और इससे सभी चीजें दुरुस्‍त हो जाएंगी.

नीतीश कुमार ने कहा, बिहार में कर्पूरी ठाकुर जी ने पिछड़ों को दो कैटागरी में बांटा था. एक पिछड़ा और एक अति पिछड़ा. हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार भी ऐसा ही कदम उठाए.
इससे पहले बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा था, बिहार में भी सवर्णों का आरक्षण लागू होगा. अब यह संवैधानिक प्रावधान हो गया है. उन्‍होंने कहा, मेरी राय है कि आरक्षण आबादी के अनुरूप होना चाहिए. हम तो चाहते हैं 2021 की जनगणना जाति आधारित हो. पूरे देश मे एक बार ऐसी जनगणना हो जाए, जिससे सही स्थिति का पता चल जाएगा. उसके बाद आबादी के अनुसार आरक्षण की व्‍यवस्‍था की जानी चाहिए.

नीतीश कुमार ने कहा- ईवीएम से ही चुनाव हो और वीवीपैट का हर बूथ पर इस्तेमाल हो. ईवीएम हुआ तो लोग वोट दे पा रहे हैं. पहले बूथ का वोट होता था, अब लोगों का वोट हो रहा है. हमारा सुझाव मतदाता पर्ची वाला काम किसी व्‍यक्‍ति को नहीं दिया जाना चाहिए. मतदाता पर्ची हर किसी के घर पर पहुंचना चाहिए और संबंधित आदमी की रिसीविंग भी होनी चाहिए. राहुल गांधी की पटना में होने वाली रैली के बारे में नीतीश कुमार ने कहा- हम भी चाहते हैं कि वे आकर पोल खोलें. हम भी सुनें कि वे क्‍या पोल खोलना चाहते हैं.