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अमित शाह- अरुण जेटली से बैठक के बाद NDA में LJP के लिए तय हुआ ये फॉर्मूला, जानें क्या है 5+1+1

लोकसभा चुनाव से महज कुछ महीनों पहले बिहार में एनडीए में टूट के बाद अब बीजेपी हाईकमान ने लोक जनशक्ति पार्टी के फूट की धमकी को गंभीरता से लेते हुए दो बार बैठक कर एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान को मना लिया है

Updated on: 21 Dec 2018, 08:25 PM

दिल्ली/पटना:

लोकसभा चुनाव से महज कुछ महीनों पहले बिहार में एनडीए में टूट के बाद अब बीजेपी हाईकमान ने लोक जनशक्ति पार्टी के फूट की धमकी को गंभीरता से लेते हुए दो बार बैठक कर एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान को मना लिया है. सूत्रों के मुताबिक उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए छोड़कर महागठबंधन में शामिल होने के बाद बीजेपी और एलजेपी के बीच सीट बंटवारे का मामला सुलझ गया है. एलजेपी संसदीय दल के अध्यक्ष चिराग पासवान के बीजेपी को घुड़की देने के बाद कल आननफानन में बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव ने रामविलास पासवान और चिराग पासवान की अमित शाह से मुलाकात करवाई थी. शाह से मुलाकात के बाद आज दोनों बाप-बेटे ने वित्त मंत्री और बीजेपी नेता अरुण जेटली से मुलाकात की जिसके बाद सीट शेयरिंग को लेकर बात बन गई है.

लोजपा प्रवक्ता संजय सर्राफ ने कहा, 'निर्णय हुआ है कि हमारी पार्टी लोकसभा की छह सीटों पर चुनाव लड़ेगी और राज्यसभा की हमें एक सीट मिलेगी'

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने लोकजन शक्ति पार्टी को 5+1+1 के फॉर्मूले पर एनडीए में रहकर ही चुनाव लड़ने के लिए तैयार कर लिया है. यहां इस फॉर्मूले का मतलब है कि बिहार के 40 लोकसभा सीटों में से एलजेपी को 5 सीटें एनडीए की तरफ से लड़ने के लिए मिलेगा जबकि 1 राज्यसभा की सीट और 1 लोकसभा की सीट यूपी में भी लड़ने के लिए मिलेगा.

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पार्टी सूत्रों के मुताबिक शनिवार को बिहार सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में एनडीए के सीट शेयरिंग का ऐलान हो सकता है और तभी साफ होगा कि कौन सी पार्टी कितने सीटों पर बिहार में चुनाव लड़ेगी. हालांकि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पहले ही साफ कर चुके हैं कि बिहार में बीजेपी और सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेगी. राज्य में बीजेपी और जेडीयू के 17-17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है जबकि 5 सीटें एलजेपी को मिलने की उम्मीद है. वहीं एक सीट किसी दूसरे छोटे दल या फिर निर्दलीय को दिया जा सकता है.

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दरअसल ये सारा विवाद कुछ माह पहले पटना में अमित शाह और बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की मुलाकात के बाद से शुरू हुआ. तब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था, बिहार में बीजेपी और नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगीं. ऐसे में लोक जनशक्ति पार्टी के लिए सीटें कम होना तय है. हाल ही में सीट शेयरिंग को लेकर राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (आरएलएसपी) ने बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन का दामन थाम लिया. माना जा रहा है कि एलजेपी (लोजपा) बिहार में 7 सीटें मांग रही है. उधर नीतीश कुमार जद यू कोटे की सीटों में किसी भी तरह की कटौती मानने को तैयार नहीं हैं. इसलिए ये विवाद सामने आ रहे हैं.

बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बिहार में 30 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 22 पर जीत हासिल की थी, वहीं लोजपा ने छह सीटें जीती थी और एक पर उसे हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने तीन सीटें जीती थी. रालोसपा अब राजद-कांग्रेस के महागठबंधन का हिस्सा है. 2014 में जनता दल (युनाइटेड) ने अकेले चुनाव लड़ा था और केवल दो सीटों पर ही जीत हासिल की थी.