कलयुग की मीरा, जो रोज 17 किमी पैदल चलकर बाबा श्याम को चढ़ाती हैं 31 निशान
राजस्थान में सीकर के खाटूश्यामजी का लक्खी मेला अपने पूरे परवान पर है.
अजमेर:
राजस्थान में सीकर के खाटूश्यामजी का लक्खी मेला अपने पूरे परवान पर है. मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा श्याम के दरबार मे हाजरी लगा रहे हैं और अपने मन की मुरादे बाबा श्याम से मांग रहे हैं. वैसे तो आपने खाटूश्यामजी के लाखों भक्त देखे होंगे, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी श्याम भक्त से मिला रहे हैं जो रोज रींगस से खाटू तक पैदल 31 निशानों के साथ पदयात्रा कर रही है. इस कलयुगी मीरा का नाम है आरती.
भक्त आरती की दिनचर्या श्याम बाबा से शुरू होती और श्याम बाबा पर ही खत्म होती है. आरती देवउठनी एकादशी से फाल्गुन की एकादशी तक रोजना 31 निशान 108 दिन तक बाबा को अर्पित कर रही हैं. रोजाना 2 बार 17 किलोमीटर पैदल जाना, न धूप, ना छांव साथ में नंगे पैर, बस एक ही मकसद बाबा श्याम के दर्शन. अजमेर निवासी आरती अब तक लगभग 9500 निशान चढ़ा चुकी हैं.
चाहे धूप हो चाहे छांव या आंधी हो चाहे तूफान बस इनका एक ही मकसद है बाबा को रोज निशान अर्पित करना. इन्होंने इस कार्य के चलते अपने घर बार तक छोड़ दिया, इनका आसरा खाटू धाम ही है. अगर हम इन्हें कल युग की मीरा कहें तो शायद गलत नहीं होगा. एक ऐसा दिन भी था जब आरती को कोई पास में नहीं बैठता था और आज स्थिति यह है कि रींगस से खाटू जाने वाला हर यात्री यह सोचता है कि काश रास्ते में आरती मिल जाए तो उनकी यात्रा सफल हो जाए. आज खाटू धाम में आरती नाम से पहचानी जाती है. लगता है आरती का जन्म बाबा श्याम की भक्ति के लिए ही हुआ है.
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