त्रिपुरा चुनाव: क्या अंतिम लाल गढ़ को बचा पाएगी सीपीएम, कल आएंगे नतीजे
त्रिपुरा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) की अगुवाई वाले वाम मोर्चा और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में अपनी जीत और नई सरकार के गठन की उम्मीद है।
highlights
- 18 फरवरी को हुए मतदान में 92 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने वोट डाला था
- 3 मार्च को मेघालय, नागालैंड के साथ त्रिपुरा के भी आएंगे परिणाम
नई दिल्ली:
त्रिपुरा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) की अगुवाई वाले वाम मोर्चा और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में अपनी जीत और नई सरकार के गठन की उम्मीद है। राज्य में 18 फरवरी को चुनाव हुए थे। मतों की गणना के बाद नतीजे शनिवार को आने जा रहे हैं।
सीपीएम के त्रिपुरा राज्य सचिव बिजान धर ने कहा कि वामपंथी दल राज्य में नई सरकार के गठन को लेकर अति आत्मविश्वास में हैं।
उन्होंने कहा, 'इसमें कोई शक ही नहीं है कि शनिवार को मतों की गणना के बाद राज्य में आठवीं बार वाम मोर्चा की सरकार बनने जा रही है। लोगों ने 18 फरवरी को राज्य में शांति और विकास के लिए वाम दलों को मत दिया है।'
सीपीएम की केंद्रीय समिति के सदस्य एवं वाम मोर्चा के संयोजक धर ने कहा, 'बीजेपी का रथ त्रिपुरा चुनाव में रुक जाएगा। त्रिपुरा में वाम दलों की जीत भारतीय राजनीति में गैर भाजपा गठबंधन के लिए माहौल भी बनाएगी।'
बीजेपी की त्रिपुरा इकाई के अध्यक्ष बिप्लब कुमार देब ने कहा, 'लोग बदलाव चाहते हैं। लोगों की इच्छा त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार देखने की है। यह तय है कि बीजेपी त्रिपुरा में अगली सरकार बनाने जा रही है। चुनाव प्रचार में हमने देखा था कि लोग वाममोर्चा सरकार के कुशासन से मुक्ति के लिए उतावले हो रहे हैं।'
18 फरवरी को विधानसभा की 60 में से 59 सीटों पर हुए मतदान में 92 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने वोट डालकर देश के चुनावी इतिहास में एक रिकार्ड बनाया।
जनजातीय समुदाय के लिए आरक्षित सीट चारिलाम का चुनाव 12 मार्च को होगा। यहां सीपीएम उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव टालना पड़ा था।
यह भारत के 65 साल के चुनावी इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि सीपीएमनीत वाम दलों और बीजेपी की सीधी टक्कर राज्य स्तर पर हो रही थी।
और पढ़ें: CPM में फंडिंग की भारी किल्लत, पार्टी कार्यालय को 15,000 रुपये में किराए पर दिया
राज्य में सीपीएम ने 56 सीट पर प्रत्याशी उतारे थे। पार्टी ने एक-एक सीट मोर्चे के घटक दलों भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, फारवर्ड ब्लॉक और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के लिए छोड़ी है।
बीजेपी 50 सीटों पर चुनाव लड़ी और उसने नौ सीटें अपने सहयोगी इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट आफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के लिए छोड़ी थी।
कांग्रेस ने सभी 59 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन काकराबन-शालग्रहा से पार्टी के उम्मीदवार सुकुमार चंद्र दास ने अपना नामांकन वापस ले लिया और बीजेपी में शामिल हो गए थे।
अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी तपस राय ने बताया कि सभी 59 विधानसभा क्षेत्रों की मतगणना एक साथ करने के लिए त्रिपुरा में बीस स्थानों पर 59 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। मतगणना की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।
और पढ़ें: ममता बोलीं, त्रिपुरा में बीजेपी को हराने के लिये सीपीएम से सहयोग कर सकती थी टीएमसी
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य