अमित शाह ने कांग्रेस और टीआरएस पर साधा निशाना, BJP को बताया देशभक्तों की पार्टी
शाह ने एमआईएम के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी के बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि तेलंगाना या अविभाजित आंध्र प्रदेश का जो भी मुख्यमंत्री बनेगा उसे उनकी पार्टी के सामने झुकना होगा.
नई दिल्ली:
तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और कांग्रेस पर अल्पसंख्यक तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को कहा कि जो पार्टियां मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के पैरों पर गिर रही हैं, वे तेलंगाना का विकास नहीं कर सकतीं. शाह ने एमआईएम के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी के बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि तेलंगाना या अविभाजित आंध्र प्रदेश का जो भी मुख्यमंत्री बनेगा उसे उनकी पार्टी के सामने झुकना होगा. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि जो पार्टियां 'रजाकारों की पार्टी' के पैरों पर गिरती हैं, वे तेलंगाना का कोई भला नहीं कर सकतीं.
यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने दोहराया कि बीजेपी टीआरएस को मुसलमानों को 12 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने की अनुमति नहीं देगी क्योंकि संविधान में धर्म आधारित कोटा के लिए कोई प्रावधान नहीं है.
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उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकारी अनुबंधों में अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण का वादा कर रही है. शाह ने सवालिया लहजे में कहा, 'राहुल गांधी कहते हैं कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो अल्पसंख्यकों के लिए एक अलग अस्पताल का निर्माण करेगी. उन गरीबों का क्या अपराध है जो अल्पसंख्यक समुदाय से नहीं है?'
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शाह ने निशाना साधते हुए कहा, 'वे उर्दू जानने वाले शिक्षकों को नौकरियों का वादा कर रहे हैं. तेलुगू जानने वाले शिक्षकों के साथ क्या होगा? वे उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने की चाहत रखने वाले अल्पसंख्यक छात्रों को 20 लाख रुपये की धनराशि देना चाहते हैं लेकिन पिछड़े वर्गो के गरीब छात्रों के बारे में क्या?'
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बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि यह चुनाव त्रिकोणीय लड़ाई है. शाह ने कहा, 'एक तरफ आपके पास के चंद्रशेखर राव (केसीआर) हैं जो एमआईएम के चरणों में तेलंगाना रख रहे हैं, दूसरी तरफ आपके पास राहुल गांधी की कांग्रेस है जो नवजोत सिंह सिद्धू को पाकिस्तान के सेना प्रमुख को गले लगाने के लिए पाकिस्तान भेजती है. तीसरी बीजेपी है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभक्तों की एक टीम है.'
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि केसीआर ने अगले साल मई में विधानसभा और लोकसभा के चुनावों के निर्धारित होने बावजूद जल्द चुनाव कराने की राह चुनकर चुनावों के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये का व्यय करवा दिया. उन्होंने कहा कि टीआरएस प्रमुख मोदी की लोकप्रियता से डर गए.
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