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राजस्थान विधानसभा चुनाव: राज्य में चुनाव प्रचार थमा, शुक्रवार को होगा मतदान

राजस्थान में लगभग दो महीने के चुनावी कोलाहल पर बुधवार शाम को विराम लग गया.

Updated on: 06 Dec 2018, 12:03 AM

नई दिल्ली:

राजस्थान में लगभग दो महीने के चुनावी कोलाहल पर बुधवार शाम को विराम लग गया. प्रचार की समय सीमा समाप्त होने के साथ ही चुनावी रैलियों, रोड शो और जन सभाओं का क्रम शाम पांच बजे थम गया. मतदान सात दिसम्बर को होगा जिसमें राज्य के चार करोड़ से ज्यादा मतदाता 2274 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला करेंगे. राजस्थान में 200 विधानसभा सीटों में से 199 विधानसभा सीटों के लिये 189 महिला उम्मीदवारों सहित 2274 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने के लिये चुनावी मैदान में उतरे हैं. अलवर जिले के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में बीएसपी उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया है.

राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आंनद कुमार ने बताया कि आज शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थम गया. उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिये सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये हैं. राजस्थान में 4.77 करोड़ मतदाता हैं.

बीजेपी शासित राज्य में शुरूआती चुनावी प्रचार में किसानों, भ्रष्टाचार, युवाओं के मुद्दे छाये रहे और जैसे जैसे चुनाव नजदीक आये हिन्दुत्व, भारत माता, भगवान हनुमान की जाति जैसे मुद्दे चुनावी प्रचार के दौरान सामने आये.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, बीजेपी के हिन्दूवादी नेता और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृहमंत्री राजनाथ सिंह सहित कई केन्द्रीय मंत्री, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, बसपा प्रमुख मायावती सहित अन्य स्थानीय नेताओं ने लगातार चुनाव प्रचार किया. पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के नाथद्वारा सीट से उम्मीदवार सी पी जोशी ने पहले प्रधानमंत्री के खिलाफ जातिवादी टिप्पणी कर विवाद पैदा किया था, उसके बाद सत्ताधारी पार्टी के नेताओं और प्रधानमंत्री ने अपनी रैलियों में लोगों से पूछा कि था कि ..क्या आप जाति के आधार पर वोट करेंगे और कांग्रेस को विकास की जगह जातिवाद की बात करने का आरोप लगाया था.

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प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषणों में 'विकास' को अपना मंत्र बताते हुए सर्जिकल स्ट्राइक, भ्रष्टाचार के विरूद्व लड़ाई, महिलाओं के सशक्तिकरण, सरकारी योजनाओं सहित सरकार की उपलब्धियों को गिनाया. रैलियों में प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी को 'नामदार' और अपने आप को 'कामदार' बताते हुए हरेक अवसर पर गांधी परिवार को घेरने का प्रयास किया. मोदी ने अपनी रैलियों में कांग्रेस की चार पीढियों के शासन को देश में समस्याओं को लिये जिम्मेदार ठहराया.

चुनाव प्रचार में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अलवर में एक चुनावी सभा में हनुमान जी को दलित बताया था जिसके बाद विभिन्न नेताओं ने अपनी तीखी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की.

बीजेपी नेताओं ने सर्जिकल स्ट्राइक सहित केन्द्र की जनकल्याकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने किसानों, राफेल सौदे और बेरोजगारी सहित अन्य मुद्दों पर बीजेपी को घेरा और सत्ता में आने पर दस दिनों में किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की.

कांग्रेस पार्टी को उस समय परेशानी का सामना करना पडा जब बीकानेर :पश्चिम: से पार्टी के उम्मीदवार बी डी कल्ला को एक वीडियो में एक समर्थक को भारत माता की जय बोलने से रोकते और पार्टी कार्यकर्ताओं को सोनिया गांधी की जय बोलते दिखाया गया.

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मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी हर दिन पांच से सात चुनावी सभाएं की.

राज्य में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है और लगभग 130 सीटों पर इन दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों में सीधी टक्कर है. वहीं 50 सीटों पर मुकाबला त्रिकोणिय माना जा रहा है जिनमें से 45 सीटों पर दोनों पार्टियों के बागी उम्मीदवारों ने मुकाबले को रोचक बना दिया है.

जाट नेता हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोक तांत्रिक पार्टी ने 58 सीटों पर उम्मीदवार खडे करके दोनों पार्टियों को चुनौती दी है.

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बेनीवाल की मारवाड, शेखावटी और पूर्वी हिस्सों में जाट वोटों पर निगाह है . बीजेपी राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड रही है जबकि कांग्रेस ने पांच सीटें गठबंधन की पार्टियों को देकर 195 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. बसपा के 190, माकपा के 28 और भाकपा के 16 तथा 830 निर्दलीय उम्मीवादर चुनाव मैदान में हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रचार अभियान में 13 सभाएं की हैं. उनके कुल 38 कार्यक्रम हुए हैं. मुख्यमंत्री राजे ने 75 जनसभाएं कीं . कुल मिलाकर 222 बडी जनसभाएं बीजेपी ने की. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य के विभिन्न जिलों में नौ सभाएं कीं. राज्य की कुछ चर्चित सीटों में झालरापाटन, टोंक, सरदारपुरा, व पोकरण हैं.