राजस्थान : प्रदेश के मूड के हिसाब से इस सीट पर हर बार बदल जाती है विधायकी
बारां के आदिवासी इलाके की विधानसभा किशनगंज-शाहाबाद क्षेत्र आदिवासी बहुल्य है. यहां पर बीजेपी और कांग्रेस के विधायक बारी-बारी से कब्जा करते आ रहे हैं . यह क्षेत्र कभी आदिवासी बच्चों की कुपोषण से मौत और कभी भूख से मौत की घटना को लेकर देश-विदेश में चर्चा में रह चुका है.अशोक गहलोत से लेकर राहुल गांधी व लेकर सोनिया गांधी तक इस क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं.
जयपुर:
राजस्थान में 1993 के बाद से सत्ता की अदला-बदली का खेल चल रहा है. कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस सत्ता में आती रही हैं. यही वह साल था, जबसे बीजेपी या कांग्रेस लगातार दो टर्म के लिए सत्ता में कभी नहीं आए. प्रदेश में एक विधानसभा क्षेत्र ऐसा भी है, जो प्रदेश के मूड के हिसाब से अपने विधायक चुनता रहा है. बारां इलाके की किशनगंज-शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र से भी लगातार दो टर्म के लिए कोई भी विधायक नहीं चुना गया.
बारां के आदिवासी इलाके की विधानसभा किशनगंज-शाहाबाद क्षेत्र आदिवासी बहुल्य है. यहां पर बीजेपी और कांग्रेस के विधायक बारी-बारी से कब्जा करते आ रहे हैं . यह क्षेत्र कभी आदिवासी बच्चों की कुपोषण से मौत और कभी भूख से मौत की घटना को लेकर देश-विदेश में चर्चा में रह चुका है. लोकसभा क्षेत्र बारां- झालावाड़ आता है. यहां से पिछले तीन से बार से दुष्यंत सिंह सांसद हैं और इससे पहले खुद मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे यहां से कई बार सांसद रही हैं.
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बीजेपी ने पूर्व विधायक हेमराज मीणा का टिकट काटकर इनके पुत्र ललित मीणा को दिया है. 2013 के चुनाव में बीजेपी के सबसे कम उम्र 25 वर्ष के ललित मीणा विजय रहे. हेमराज मीणा ने खुद को टिकट नहीं मिलने पर नाराजगी भी व्यक्त की थी. कांग्रेस ने पूर्व विधायक हीरालाल सहरिया की बेटी निर्मला सहरिया का टिकट काट दिया है. उनकी जगह हीरालाल की पत्नी 70 साल की चतरी बाई को टिकट दिया गया है.
इससे पहले 2008 में कांग्रेस ने हीरालाल सहरिया की बेटी निर्मला सहरिया को टिकट दिया था. उस समय के बीजेपी ने हेमराज मीणा को चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन हेमराज मीणा को निर्मला सहरिया ने 16378 वोटों से हरा दिया. 2003 में बीजेपी ने हेमराज मीणा और कांग्रेस ने हीरा लाल सहरिया को टिकट दिया. बीजेपी के हेमराज मीणा 6897 वोटों से विजेता रहे. 1998 में बीजेपी से मैदान में उतरे हेमराज मीणा को कांग्रेस के हीरालाल सहरिया 6900 वोटों से हराया था.
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बीजेपीने पूर्व विधायक हेमराज मीणा का टिकट काटकर इनके पुत्र ललित मीणा को दिया है. 2013 के चुनाव में बीजेपी के सबसे कम उम्र 25 वर्ष के ललित मीणा विजय रहे. हेमराज मीणा ने खुद को टिकट नहीं मिलने पर नाराजगी भी व्यक्त की थी. कांग्रेस ने पूर्व विधायक हीरालाल सहरिया की बेटी निर्मला सहरिया का टिकट काट दिया है. उनकी जगह हीरालाल की पत्नी 70 साल की चतरी बाई को टिकट दिया गया है.
इससे पहले 2008 में कांग्रेस ने हीरालाल सहरिया की बेटी निर्मला सहरिया को टिकट दिया था. उस समय के बीजेपी ने हेमराज मीणा को चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन हेमराज मीणा को निर्मला सहरिया ने 16378 वोटों से हरा दिया. वर्ष 2003 में बीजेपीने हेमराज मीणा और कांग्रेस ने हीरा लाल सहरिया को टिकट दिया. बीजेपी के हेमराज मीणा 6897 वोटों से विजेता रहे. 1998 में बीजेपी से मैदान में उतरे हेमराज मीणा को कांग्रेस के हीरालाल सहरिया 6900 वोटों से हराया था.
राजस्थान में 1993 से लगातार अदला-बदली का खेल
राजस्थान की सभी 200 सीटों पर 7 दिसंबर को वोटिंग होगी और 11 दिसंबर को नतीजे घोषित होंगे. यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच हमेशा कड़ा मुकाबला रहा है. 1993 से अब तक हुए हुए पांच विधानसभा चुनावों में इन दोनों पार्टियों के बीच सत्ता की अदला-बदली होती रही है. राजस्थान विधानसभा चुनावों से जुड़ी रोचक बातों पर एक नजर -
- 1952 से अब तक राजस्थान 14 बार विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं. 9 बार कांग्रेस तो 4 बार बीजेपी सत्ता में रही। एक बार जनता पार्टी की सरकार रही थी.
- 1972 तक प्रदेश में कांग्रेस का एकतरफा दबदबा रहा. 1977 में कांग्रेस सत्ता से बेदखल हुई. तब जनता पार्टी ने 200 में से 151 सीटें जीतकर सरकार बनाई और भैरोंसिंह शेखावत पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने थे.
- 1980 और 1985 के चुनाव में जीतकर कांग्रेस लगातार दो बार सत्ता में रही. 1980 से चुनाव मैदान में उतरी भाजपा को पहली कामयाबी 1990 में मिली. तब पार्टी को 85 सीटें मिली थीं. शेखावत फिर प्रदेश के सीएम बने.
- 1993 के चुनाव में 95 सीटों के साथ बीजेपी सत्ता में लौटी. राजस्थान के इतिहास में यह पहला और एक मात्र मौका रहा जब भाजपा लगातार दो बार सत्ता में रही.
- इसके बाद से भाजपा और कांग्रेस के बीच सत्ता की अदला-बदली चल रही है। 1998 में कांग्रेस ने धमाकेदार प्रदर्शन किया और 200 में से 153 सीटों जीत दर्ज की। यह पहला मौका था, जब कांग्रेस 150+ सीटें जीती. अशोक गहलोत सीएम बने.
- 2003 विधानसभा चुनाव में अशोक गहलोत के नेतृत्व में लड़े गए चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह हार गई. 120 सीटें जीतकर भाजपा सत्ता में लौटी, वसुंधरा राजे सीएम बनीं.
- 2008 में 96 सीटें पाकर कांग्रेस सत्ता में लौटी, अशोक गहलोत फिर सीएम बने.
- 2013 में भाजपा ने राजस्थान विधानसभा के इतिहास में अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज की. 163 सीटों के साथ वसुंधरा राजे फिर सीएम बनीं.
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