logo-image

महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में ऐसा कोई दुष्‍यंत (Dushyant Chautala) नहीं जिसके पिता जेल में हों, जानें किसने दिए ऐसे तल्‍ख बयान

संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा, 'उद्धव ठाकरे जी (Udhav Thakrey) ने कहा है कि हमारे पास अन्य विकल्प भी हैं, लेकिन हम उस विकल्प को स्वीकार करने का पाप नहीं करना चाहते. शिवसेना ने हमेशा सच्चाई की राजनीति की है, हम सत्ता के भूखे नहीं हैं.'

Updated on: 29 Oct 2019, 11:13 AM

नई दिल्‍ली:

महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में बीजेपी (BJP) और शिवसेना (Shiv sena) में मुख्‍यमंत्री पद को लेकर मची खींचतान के बीच तल्‍ख बयानबाजी का दौर जारी है. शिवसेना के दिग्गज नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने इस बार ऐसा बयान दिया है, जो सीधे बीजेपी के दिल पर लगा होगा. संजय राउत ने कहा है, महाराष्ट्र में कोई दुष्यंत (Dushyant Chautala) नहीं है जिसके पिता जेल में हों, हमारे पास भी विकल्प है. उन्‍होंने कहा, 'उद्धव ठाकरे जी (Udhav Thakrey) ने कहा है कि हमारे पास अन्य विकल्प भी हैं, लेकिन हम उस विकल्प को स्वीकार करने का पाप नहीं करना चाहते. शिवसेना ने हमेशा सच्चाई की राजनीति की है, हम सत्ता के भूखे नहीं हैं.' दुष्‍यंत से उनका इशारा हरियाणा में जननायक जनता पार्टी को लेकर था.

यह भी पढ़ें : आतंकियों ने बनाया ऑल इंडिया लश्‍कर-ए-तैयबा, पीएम मोदी और विराट कोहली हिट लिस्‍ट में

दरअसल, संजय राउत से पूछा गया था कि चुनाव पूर्व गठबंधन के बाद भी बीजेपी और शिवसेना सरकार क्‍यों नहीं बना पा रहे हैं, तो जवाब में संजय राउत ने कहा, यहां कोई दुष्यंत नहीं है जिनके पिता जेल में हैं. यहां हम धर्म और सत्य की राजनीति करते हैं, शरद पवार ने बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाया है और वह बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे.

इससे पहले संजय राउत (Shiv Sena Leader Sanjay Raut) ने कहा था कि बीजेपी महाराष्ट्र (Maharastra) में अगली सरकार के गठन के लिए विकल्प ढूंढ़ने पर विवश न करे. उन्होंने यह भी कहा, राजनीति में कोई ‘संत’ नहीं होता. वे एक समाचार चैनल से बातचीत कर रहे थे.

यह भी पढ़ें : क्‍या 1995 के फार्मूले पर महाराष्‍ट्र में बनेगी 2019 की सरकार? आज मुंबई जा रहे बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह

बता दें कि कि राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है तो शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं. शिवसेना चाहती है कि दोनों ही दलों को बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी मिले, जबकि बीजेपी इस तरह की कोई भी सौदेबाजी नहीं करना चाहती.