एनसीपी पार्टी और परिवार टूट गया, सुप्रिया सुले ने बदला अपना Whatsapp Status
शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा, अजीत पवार के फैसले से एनसीपी पार्टी और परिवार टूट गया है. वहीं अजीत पवार ने कहा है कि मैंने अपने फैसले के बारे में शरद पवार को 10 दिन पहले ही बता दिया था. मेरा फैसला महाराष्ट्र को स्थायी सरकार के लिए था.
नई दिल्ली:
एनसीपी नेता अजीत पवार ने भले ही देवेंद्र फड़णवीस की सरकार में डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली है, लेकिन एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इससे पल्ला झाड़ लिया है. शरद पवार ने कहा, महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का अजीत पवार का निर्णय उनका व्यक्तिगत निर्णय है, न कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का. दूसरी ओर, शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा, अजीत पवार के फैसले से एनसीपी पार्टी और परिवार टूट गया है. वहीं अजीत पवार ने कहा है कि मैंने अपने फैसले के बारे में शरद पवार को 10 दिन पहले ही बता दिया था. मेरा फैसला महाराष्ट्र को स्थायी सरकार के लिए था.
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महाराष्ट्र में शनिवार सुबह 8:09 बजे बीजेपी नेता देवेंद्र फड़णवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. उनके साथ अजीत पवार ने डिप्टी सीएम पद शपथ ली. शपथ ग्रहण के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि शिवसेना और कांग्रेस से बातचीत में काफी वक्त जाया हो रहा था. और वैसे भी तीन दलों का एक साथ सरकार बनाने से बेहतर था कि बीजेपी के साथ जाकर महाराष्ट्र को स्थिर सरकार दें.
उधर, एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा, एनसीपी नेता अजित पवार ने विधायकों के समर्थन की चिट्ठी का गलत तरीके से इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि विधायकों ने 10 दिन पहले ही समर्थन की चिट्ठी पर हस्ताक्षर किया था. जिस चिट्ठी पर हस्ताक्षर किया गया था उसी चिट्ठी के सहारे अजित पवार ने बीजेपी को समर्थन दे दिया है. विधायकों को यह पता भी नहीं है कि उनके हस्ताक्षर से समर्थन दिया गया है. आज प्रेस कान्फ्रेंस में एनसीपी के विधायक भी मौजूद रहेंगे.
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दूसरी ओर, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, कल शाम तक ये महाशय (अजीत पवार) हमारे साथ बैठकों में थे, लेकिन वे नजरें नहीं मिला पा रहे थे. जिसकी नजर में खोट होता है, वो नजरें नहीं मिला पाता है. संजय राउत ने कहा, अजीत पवार ने अपने चाचा शरद पवार को धोखा दिया है. यह न केवल शरद पवार के साथ धोखा है, बल्कि महाराष्ट्र की जनता के साथ धोखा है. शिवाजी की धरती के साथ धोखा है. अजीत पवार और उनके साथ के विधायकों ने छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों से छल किया है.
संजय राउत ने यह भी कहा, शनिवार सुबह जो कुछ भी हुआ, उससे यह साबित होता है कि राजभवन की शक्तियों का दुरुपयोग किया गया है. हमें लगता था कि राज्यपाल आरएसएस से आए हैं, अच्छे और संस्कारी व्यक्ति हैं, लेकिन महाराष्ट्र में जो पाप हुआ है, उसमें राजभवन बराबर की साझीदार है.
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