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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव : एक ही परिवार के सदस्य अलग-अलग पार्टियों से मैदान में!

ये उम्मीदवार 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में अलग-अलग पार्टियों से एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं.

Updated on: 16 Oct 2019, 07:08 PM

highlights

  • महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाई-बहन का मुकाबला
  • एमएलसी धनंजय मुंडे के सामने हैं BJP की पंकजा मुंडे
  • चुनावी बिसात पर खून के रिश्ते भी दांव पर लगे

नई दिल्‍ली:

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election) लड़ रहे कई प्रमुख उम्मीदवारों (Main Candidates) के बीच खून का रिश्ता (Blood Relationship) है या वह एक ही परिवार से आते हैं. मगर उनके राजनीतिक विचार (Political Things) अलग-अलग हैं. ये उम्मीदवार 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में अलग-अलग पार्टियों से एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं. अतीत में कई मौकों पर देखा गया है कि ऐसे उम्मीदवारों द्वारा अपने रिश्तेदारों के खिलाफ किए गए अभियान काफी आक्रामक रहे हैं. कई हालांकि दावा करते हैं कि दुश्मनी केवल सार्वजनिक राजनीतिक क्षेत्र तक सीमित है, अन्यथा उनके पारिवारिक संबंध निजी तौर पर बेहतर व आनंदमय होते हैं.

इस तरह से चुनाव लड़ रहे सबसे हाई प्रोफाइल मुंडे परिवार (High Profile Munde Family) है. इस परिवार के दो सदस्य बीड में एक-दूसरे के आमने-सामने हैं. यह क्षेत्र दिवंगत केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे का गढ़ है. उनकी आक्रामक बेटी और ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे परली सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में हैं. पंकजा के सामने उनके चचेरे भाई विधान परिषद में विपक्ष के नेता एमएलसी धनंजय मुंडे (MLC Dhananjay Munde) हैं. वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के उम्मीदवार हैं. 2014 के चुनाव में पंकजा धनंजय को हरा चुकी हैं.

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दूसरी सीट बीड जिले की बीड विधानसभा क्षेत्र है. यहां चाचा-भतीजा एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं. इस सीट से जयदत्त क्षीरसागर अपने भतीजे संदीप क्षीरसागर के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं. गेवराई (BEED) में भी एक पंडित परिवार से संबंध रखने वाले चाचा-भतीजा एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं. राकांपा ने अमरसिंह पंडित को मैदान में उतारा है, जबकि उनके चाचा बादामराव पंडित निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. लातूर की निलंगा सीट पर भी एक ही परिवार के सदस्य एक कठिन लड़ाई लड़ रहे हैं. यहां पूर्व मुख्यमंत्री शिवाजीराव निलंगेकर पाटील के बेटे अशोक निलंगेकर पाटील कांग्रेस के टिकट पर अपने भतीजे एवं राज्य मंत्री संभाजीराव निलंगेकर पाटील के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. संभाजीराव भाजपा उम्मीदवार हैं.

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इसके साथ ही नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले में राकांपा के धर्मराव बाबा अत्रम और उनके भतीजे एवं मंत्री अंबरीशराव अत्रम (भाजपा) के बीच चुनावी लड़ाई है. पुसद (यवतमाल) में दिवंगत वसंतराव नाईक के पोते इंद्रनील नाईक कांग्रेस की ओर से, जबकि उनके भतीजे निलय नाईक भाजपा की ओर से चुनाव मैदान में हैं. इसके विपरीत महाराष्ट्र के लातूर जिले में पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के दो बेटे अमित और धीरज कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों भाइयों की विधानसभा सीटें एक-दूसरे से लगी हुई हैं. लातूर शहर विधानसभा से जहां अमित मैदान में हैं. वहीं, उनके भाई धीरज लातूर ग्रामीण सीट से पहली बार चुनावी दंगल में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. दोनों नेता बॉलीवुड अभिनेता रितेश देशमुख के भाई हैं. रितेश उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए जोरदार प्रचार में लगे हुए हैं.

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