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पीओके पंडित नेहरू की बड़ी भूल, कांग्रेस राष्ट्रहित से खेल रहीः अमित शाह का हमला

गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर से धारा 370 और 35-ए हटाए जाने की जरूरत बताते हुए देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के बहाने कांग्रेस को फिर आड़े हाथों लिया. राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि देश अब ऐतिहासिक भूलों को माफ करने वाला नहीं.

Updated on: 22 Sep 2019, 02:20 PM

highlights

  • गृहमंत्री अमित शाह ने पीओके के लिए पंडित नेहरू को जिम्मेदार ठहराया.
  • धारा 370 इनके लिए राजनीति का मसला, बीजेपी के लिए राष्ट्रहित का.
  • जनता अब ऐतिहासिक भूलों को माफ करने के मूड में नहीं. हर तरफ आएगी बीजेपी.

मुंबई:

चुनाव पूर्व महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सीट शेयरिंग फॉर्मूले को अंतिम रूप देने मुंबई पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर से धारा 370 और 35-ए हटाए जाने की जरूरत बताते हुए देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के बहाने कांग्रेस को फिर आड़े हाथों लिया. राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि देश अब ऐतिहासिक भूलों को माफ करने वाला नहीं. महाराष्ट्र में अगली सरकार भी बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की ही बनेगी. इसके साथ ही उन्होंने देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का होने वाला अगला मुख्यमंत्री करार दिया.

पीओके नेहरूजी की भूल
गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को यहां कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर का आज मसला ही नहीं उठता, यदि पंडित नेहरू ने 1947 में अचानक युद्ध विराम की घोषणा नहीं कर दी होती. उस वक्त भारतीय सेना पूरी बहादुरी और मजबूती के साथ पाकिस्तान के साथ आए घुसपैठियों को पीछे धकेलने में लगी हुई थीं. वह एक ऐसी ऐतिहासिक भूल थी, जिसका खामियाजा देश आज तक भुगत रहा है. पीओके वास्तव में पंडित नेहरू की ऐतिहासिक भूल का ही नतीजा है.

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धारा 370 कांग्रेस के लिए राजनीतिक मुद्दा
उन्होंने कश्मीर से धारा 370 और 35-ए हटाए जाने की वकालत करते हुए कहा कि ये धाराएं देश की अखंडता के खिलाफ थीं. देश की एकता में बाधक इन धाराओं का पहले जनसंघ और फिर बीजेपी विरोध करते आ रहे हैं. मोदी सरकार ने इसीलिए दोबारा सत्ता में आते ही इस भूल को भी सुधार लिया. धारा 370 को बरकरार रखना कांग्रेस के लिए राजनीतिक मुद्दा था. राहुल की खिंचाई करते हुए अमित शाह ने कहा कि आपको इसमें राजनीति दिखाई दे रही है और हमें राष्ट्रभक्ति. राहुल को याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर का मसला सरदार पटेल के हाथ मे नहीं था. सरदार के हाथ मे 630 रियासतें थी जिसे उन्होंने एक भारत में समाहित किया, लेकिन कश्मीर का मुद्दा पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने पास रखा।

पीओके भारत का हिस्सा हो
उन्होंने कहा कि धारा 370 की वजह से ही कश्मीर में भारत का झंडा नही लगता था, वहां जाने के लिए परमिट लगता था. इन्हीं कारणों से बीजेपी के पहले अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी इसका विरोध करने वहां गए तो उनकी रहस्यमयी मौत हो गयी. आज हम चाहते हैं कि पीओके भारत का हिस्सा हो. सच तो यही है कि धारा 370 के कारण ही जम्मू-कश्मीर में आतंक अपने चरम पर पहुंचा. आतंकवाद के कारण अब तक 40 हजार लोगों की जान गई है. हालांकि अब आतंकवाद से मुक्त होकर कश्मीर विकास के रास्ते पर दौड़ेगा.

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नागरिकों को सुविधा देने वाले कानून लागू नहीं किए
इसके साथ ही उन्होंने धारा 370 की खामियां गिनाते हुए कहा कि इसे हटाने की तारीख 5 अगस्त से लेकर आज तक एक भी गोली नहीं चलानी पड़ी है. कांग्रेस खासकर राहुल गांधी किसको और क्यों डराते हैं? आज कश्मीर की जनता खुश है. व्यापार चालू है और कुछ ही समय में कश्मीरी सेब मुंबई पहुंचेगा. धारा 370 के कारण ही एससी-एसटी और ओबीसी को आरक्षण का लाभ नहीं मिल सका. कश्मीर में एट्रॉसिटी एक्ट ही नहीं था. आज मोदजी के कारण सब संभव हो सका है. कश्मीर में बाल विवाह को अवैध और दंडनीय बनाने वाला कानून नहीं था. मजदूरों के लिए कानून नहीं था. जब मोदजी ने 370 और 35-ए हटाई तो भारत का बाल विवाह कानून बच्चियों की रक्षा कर रहा है।

डर रहे कश्मीर के नेता
गृहमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के राजनेताओं को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कश्मीर पर शासन करने वाले तीन परिवारों ने एंटी करप्शन ब्यूरो नहीं बनाया. यदि भ्रष्टाचार नहीं हुआ होता तो हर पत्रे और टीन सोने के होते. अब ये सब कानून आ गए हैं, जिससे कश्मीर की ठंड में भी भ्रष्टाचारियों को पसीने छूट रहे हैं. सिर्फ करप्शन के लिए धारा 370 को संभाल कर रखा गया. मोदीजी के आने के बाद जम्मू-कश्मीर को बपौती समझने वाली पार्टियां डरने लगी हैं.

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राष्ट्रहित पर दलगत राजनीति से ऊपर उठें
कांग्रेस पर राष्ट्रहित के मसलों पर भी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कांग्रेस के पहले गैर गांधी परिवार से पीएम नरसिंह राव का उदाहरण भी दिया. उन्होंने कहा कि जब 94 में यूएन में चर्चा हुई तो नरसिंह राव को लगा कि अटलजी वहां जाकर कश्मीर की बात बताएं. जब देश के मामले हों तो दलगत राजनीति से ऊपर उठकर रहना चाहिए. सिर्फ यही नहीं कांग्रेस ने सर्जिकल स्ट्राइक के भी सबूत मांगे. एयर स्ट्राइक का विरोध किया. आज भी कांग्रेस और एनसीपी निर्लज्ज होकर विरोध कर रहे हैं.

महाराष्ट्र-हरियाणा में बीजेपी की सरकार
बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए हर्ष का विषय है कि महाराष्ट्र चुनाव की शुरुआत धारा 370 को हटाने से हो रही है. राज्य में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और एनसीपी को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि कोई कुछ भी कहे. मैं कहना चाहता हूं कि हो महाराष्ट्र और हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनेगी. जिस प्रकार 5 साल देवेंद्र फडणवीस सरकार चली और जिस तरह मोदी सरकार केंद्र में चली, इसे देख महाराष्ट्र के जनता ने तय कर लिया है कि देवेंद्र फडणवीस फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे.