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प्रोटेम स्‍पीकर के लिए कांग्रेस के बालासाहेब थोराट सबसे आगे, बीजेपी के कालीदास कलमकार भी रेस में

महाराष्‍ट्र विधानसभा में वरिष्‍ठता के आधार पर प्रोटेम स्‍पीकर के जो 6 नाम राज्‍यपाल को भेजे गए हैं, उनमें कांग्रेस के बालासाहेब थोराट और बीजेपी के कालीदास कलमकार सबसे आगे हैं.

Updated on: 26 Nov 2019, 11:22 AM

नई दिल्‍ली:

प्रोटेम स्पीकर का काम विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाना होता है. जब तक सदन में विधायक शपथ नहीं ले लेते, तब तक उनको सदन का हिस्‍सा नहीं माना जाता. इसलिए सबसे पहले विधायकों को ही शपथ दिलाई जाती है. विधायकों के शपथ ग्रहण के बाद सदस्‍य विधानसभा के नए स्‍पीकर का चुनाव करते हैं. परंपरा के मुताबिक, सदन में वरिष्‍ठतम सदस्‍यों में से किसी एक को राज्यपाल की ओर से प्रोटेम स्‍पीकर बनाया जा सकता है. विधानसभा ही नहीं, लोकसभा के लिए भी यही व्‍यवस्‍था कायम होती है.

प्रोटेम लैटिन भाषा का शब्‍द है, जिसका अर्थ होता है 'कुछ समय के लिए'. विधानसभा में स्‍पीकर की नियुक्‍ति तक कुछ समय के लिए प्रोटेम स्‍पीकर की नियुक्‍ति होती है. यह नियुक्‍ति राज्‍यपाल की ओर से की जाती है. स्‍पीकर या विधानसभा अध्‍यक्ष के निर्वाचन के साथ ही प्रोटेम स्‍पीकर का काम स्‍वत: समाप्‍त हो जाता है.