logo-image

इस मजबूरी में अजित पवार ने दिया महाराष्‍ट्र डिप्‍टी सीएम पद से इस्‍तीफा, पढ़ें पूरी खबर

एनसीपी के विधायक दल का नेता होने के नाते अजित पवार को उम्‍मीद थी कि उन्‍हीं की ही चलेगी और शरद पवार भी साथ आ जाएंगे, लेकिन शरद पवार के बदले तेवर से अजित पवार सकते में आ गए.

Updated on: 26 Nov 2019, 03:33 PM

मुंबई:

एनसीपी के विधायक दल का नेता होने के नाते अजित पवार को उम्‍मीद थी कि उन्‍हीं की ही चलेगी और शरद पवार भी साथ आ जाएंगे, लेकिन शरद पवार के बदले तेवर से अजित पवार सकते में आ गए. तब भी अजित पवार हिम्‍मत नहीं हारे और उन्‍हें उम्‍मीद थी कि एनसीपी के कम से कम 30 विधायक उनके साथ आ जाएंगे और आसानी से बहुमत साबित हो जाएगा. लेकिन शरद पवार के डैमेज कंट्रोल की कमान संभालने के बाद से अजीत पवार लगातार दबाव में थे. दूसरी ओर, एनसीपी के विधायकों ने यह कहते हुए उनका समर्थन करने से मना कर दिया कि जब तक शरद पवार हैं, वे नहीं आएंगे.

यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र के हालात पर पीएम नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा से की मंत्रणा

अजित पवार के बीजेपी के साथ जाने से सबसे अधिक धक्‍का शरद पवार को लगा था. आनन-फानन में उन्‍होंने डैमेज कंट्रोल किया और शाम होते-होते अजित पवार को विधायक दल का नेता पद से हटा कर जयंत पाटिल को नया नेता चुन लिया गया था. तब से लेकर आज तक महाराष्‍ट्र की राजनीति में काफी उथल-पुथल मची. विधायकों को होटल में शिफ्ट किया गया, जासूसी की शिकायत पर कई बार होटल बदले गए. सोमवार की शाम को एक होटल में तीनों दलों के विधायक जुटे और शक्‍ति प्रदर्शन किया.

23 नवंबर की शाम को ही शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में संयुक्‍त याचिका डाली, जिस पर रविवार और सोमवार को सुनवाई हुई. आज मंगलवार को फैसला आया, जिससे महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्‍यमंत्री अजित पवार को बड़ा झटका लगा. उसके बाद से घटनाक्रम बदलने लगे और बीजेपी खेमे में मायूसी छा गई. दोपहर बाद से ही स्‍पष्‍ट हो गया था कि अजीत पवार पलटी मार सकते हैं और उन्‍होंने मारी भी. आखिरकार उन्‍होंने इस्‍तीफा दे दिया है. अब खबर है कि मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी इस्‍तीफा दे सकते हैं और उन्‍होंने दोपहर बाद 3:30 बजे प्रेस कांफ्रेंस भी बुलाई है.

यह भी पढ़ें : महेंद्र सिंह धोनी पर टीम इंडिया के कोच रवि शास्‍त्री का बड़ा बयान, बोले आईपीएल तक....

इससे पहले 23 नवंबर को सुबह-सुबह 5:47 बजे महाराष्‍ट्र के राज्‍यपाल की सिफारिश पर राज्‍य से राष्‍ट्रपति शासन को हटा दिया गया था. उसी दिन सुबह 8:09 बजे बीजेपी विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी विधायक दल के नेता ने क्रमश: मुख्‍यमंत्री और उपमुख्‍यमंत्री पद की शपथ ले ली थी. अचानक हुए इस घटनाक्रम से सब कोई अवाक रह गया था.