logo-image

संजय गांधी के लिए जेल जाने का इनाम मिला इंदिरा गांधी के ‘तीसरे बेटे’ को

छिंदवाड़ा में कमलनाथ के लिए प्रचार करने पहुंचीं इंदिरा गांधी ने लोगों से आह्वान किया था- कमलनाथ मेरे तीसरे बेटे हैं, आपलोग उन्‍हें जिताकर दिल्‍ली भेजिए.

Updated on: 14 Dec 2018, 09:20 AM

नई दिल्ली:

कमलनाथ को मध्‍य प्रदेश की सत्‍ता की कमान ऐसे ही नहीं मिली है. इंदिरा गांधी के जमाने से लेकर राजीव गांधी, नरसिम्‍हा राव, सोनिया गांधी, सीताराम केसरी, सोनिया गांधी और अब टीम राहुल में अनवरत कांग्रेस के लिए काम करने का पुरस्‍कार उन्‍हें मिला है. इंदिरा गांधी कमलनाथ को अपना तीसरा बेटा मानती थीं. छिंदवाड़ा में कमलनाथ के लिए प्रचार करने पहुंचीं इंदिरा गांधी ने लोगों से आह्वान किया था- कमलनाथ मेरे तीसरे बेटे हैं, आपलोग उन्‍हें जिताकर दिल्‍ली भेजिए. यह मेरी आपलोगों से अपील है.

यह भी पढ़ें : पीएम मोदी की तारीफ में बोले उमर अब्दुल्ला, 'पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने के लिये काफी काम किया'

8 महीने पहले मध्‍य प्रदेश कांग्रेस की सत्‍ता की कमान संभालने वाले कमलनाथ ने संगठन को बहुत ही संजीदगी से संभाला. प्रदेश कांग्रेस में व्‍याप्‍त सारी गुटबाजी को भुलाकर कमलनाथ ने सबको एक किया और चुनाव मैदान में पार्टी को उतारा. वचनपत्र बनाने में भी कमलनाथ की भूमिका काफी अहम रही.

1979 में मोरारजी भाई देसाई की सरकार के दौरान कमलनाथ संजय गांधी के लिए जेल भी गए थे. तब कमलनाथ संजय गांधी के दाहिने हाथ माने जाते थे. कमलनाथ संजय गांधी के हॉस्‍टलमेट भी थे. अब 39 साल बाद कमलनाथ ने इंदिरा गांधी के पोते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए भी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में दमदार भूमिका निभाई है और इसी का इनाम उन्‍हें मुख्‍यमंत्री पद के रूप में मिला है. यही कारण है मध्‍य प्रदेश के धाकड़ नेता रहे माधव राव सिंधिया के बेटे ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया जैसे बड़े और राहुल गांधी के नजदीकी नेताओं को भी मुंह की खानी पड़ी है.

यह भी पढ़ें : अब राम के साथ सीता की मूर्ति बनाने की उठी मांग, कांग्रेस नेता ने CM योगी को लिखा पत्र

कमलनाथ के बारे में

  • नाम : कमलनाथ
  • पिता का नाम : स्व. श्री महेंद्रनाथ
  • माता का नाम : स्व. श्रीमती लीलानाथ
  • जन्मतिथि : 18 नवंबर 1946
  • पत्नी श्रीमती : अलका नाथ
  • पुत्र : नकुल नाथ एवं बकुल नाथ
  • शैक्षणिक योग्यता : दून स्कूल से शिक्षा, सेंट जेवियर कॉलेज कोलकाता से वाणिज्य स्नातक
  • राजकीय पद : 1979 में प्रथम बार छिंदवाड़ा से निर्वाचित 1984, 1990, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009, 2014 में लोकसभा के लिए निर्वाचित 2018
  • मंत्रिमंडल में प्रभार : 1991 से 1994 तक केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री, 1995 से 1996 केंद्रीय कपड़ा मंत्री, 2004 से 2008 तक केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, 2009 से 2011 तक केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री, 2012 से शहरी विकास मंत्री एवं संसदीय कार्य मंत्री 2014 तक
  • संगठन में पद : 1968 में युवक कांग्रेस में प्रवेश, 1976 में उत्तर प्रदेश युवक कांग्रेस का प्रभार 1970 - 81 अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य, 1979 में युवक, कांग्रेस की ओर से महाराष्ट्र के पर्यवेक्षक, 2,000-2018 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और वर्तमान में मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष
  • शैक्षणिक संस्थानों के प्रभार : अध्यक्ष इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी बोर्ड ऑफ गवर्नमेंट गाजियाबाद, अध्यक्ष लाजपत राय पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज गाजियाबाद, अध्यक्ष इंस्टिट्यूट ऑफ इंडोलॉजी नई दिल्ली साहिबाबाद, डाक्टरेट से सम्मानित 2006 में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित
  • सराहना/प्रशस्ति : 1972 में बांग्लादेश की आजादी में योगदान के लिए बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख मुजीबुर्रहमान द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं सम्मान, 1991 में पृथ्वी सम्मेलन रियो डी जेनेरियो भारत का कुशल प्रतिनिधित्व करने के लिए संसद द्वारा प्रशस्ति पत्र, 1999 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय लंदन द्वारा आमंत्रण व्याख्यान, वर्ल्ड इकोनॉमी फोरम में 14 बार लगातार भारत का नेतृत्व करना 
  • विदेश यात्राएं : 1982 से 2018 तक 600 से अधिक विदेशी यात्राएं, संसार के सभी देशों में संयुक्त राष्ट्र संघ की साधारण सभा से लेकर अंतर्राष्ट्रीय संसदीय सम्मेलनों तथा सभी प्रमुख देशों में सम्मेलनों गोष्ठियों में सम्मिलित
  • प्रकाशित पुस्तकें : भारत की शताब्दी एवं व्यापार निवेश उद्योग नामक पुस्तक के लेखक श्री कमलनाथ

मध्यप्रदेश: मेरे दो अनमोल रत्न एक है राम तो एक लखन - राज़ा मुराद, अभिनेता, देखें VIDEO