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मध्य प्रदेश चुनाव: EVM की सुरक्षा पर रार जारी, कांग्रेस और बीजेपी ने एक-दूसरे को घेरा

मध्य प्रदेश में ईवीएम की सुरक्षा पर मचे बवाल पर अब प्रदेश सरकार के मंत्री और कांग्रेस संगठन आमने सामने हैं. कांग्रेस का कहना है कि 15 साल से बीजेपी की सरकार है तो अफसरों से कुछ भी करा सकती हैं.

Updated on: 06 Dec 2018, 09:47 PM

नई दिल्ली:

मध्यप्रदेश में ईवीएम की सुरक्षा पर मचे बवाल पर अब प्रदेश सरकार के मंत्री और कांग्रेस संगठन आमने सामने हैं. कांग्रेस का कहना है कि 15 साल से बीजेपी की सरकार है तो अफसरों से कुछ भी करा सकती हैं. वहीं बीजेपी के मंत्री ने कहा कि ईवीएम तो कांग्रेसी के शासन काल में ही आयी थी और इसके बाद उनकी सरकार भी नहीं हैं. सागर जिले की खुरई विधानसभा की ईवीएम 40 घंटे बाद क्या जमा हुई कांग्रेस ने इस घटना को बड़ी मुस्तैदी से पकड़ लिया है. पूरे प्रदेश में ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ तक अब ईवीएम की सुरक्षा और स्ट्रांग रूम में लगे कैमरा पर कांग्रेस ने निगरानी के लिए अपने कार्यकर्ताओं को लगा दिया है.

कांग्रेस का कहना है कि यह निगरानी अब इसलिए भी ज्यादा जरूरी हो गई है क्योंकि स्ट्रांग रूम के बाहर लगे एलईडी कई बार बंद हो चुके हैं , 40 घंटा बाद ईवीएम स्ट्रांग रूमों तक पहुंच रही है, अधिकारियों के बंगलों से संदिग्ध पेटियां सीसीटीवी कैमरे में दिखाई दे रही हैं. साथ ही कांग्रेस आरोप भी लगा रही है कि 15 साल में कई ऐसे अधिकारी और कर्मचारी नियुक्त हुए जिन्होंने कांग्रेस शासनकाल को देखा ही नहीं. ऐसे अधिकारियों तो बीजेपी सरकार की भाषा ही समझते होंगे.

ईवीएम की सुरक्षा को लेकर लगातार कांग्रेस की शिकायत पर प्रदेश सरकार के मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने उल्टा पलटवार किया है. उनका कहना है कि ईवीएम तो कांग्रेस के शासनकाल में नहीं आई थी और इसके उपयोग के बाद उनकी सरकार अभी बनी हैं. इसका इस्तेमाल किस तरह होता है यह कांग्रेस अच्छी तरह समझती होगी चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाना ठीक नहीं हैं.

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दरअसल निर्वाचन आयोग की मुस्तैदी पर सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि तमाम इंतजामों की दावे करने के बाद भी स्ट्रांग रूम पर लगे एलइडी कई बार बंद हो रहे हैं और कांग्रेस को उसके बाहर बैठकर निगरानी करनी पड़ रही है.

बीजेपी का कहना है कि जो ईवीएम में बंद हो गया उसकी निगरानी करने से कोई फायदा नहीं है जनता ने अपना फैसला सुना दिया है अब 11 तारीख को जब परिणाम आएगा तो सरकार तो बीजेपी की ही बनेगी.