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कोरिया के इस गांव में आज तक बिजली नहीं पहुंची, ढिबरी जलाकर रहते हैं लोग

कोरिया जिला मुख्यालय से लगभग 150 किलोमीटर दूर भरतपुर सोनहत विधानसभा के कई ऐसे गांव है जो मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है . ग्राम भरतपुर में रहने वाले बैगा जनजाति के लोग आज भी बिजली-सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से कोसो दूर है.

Updated on: 10 Nov 2018, 09:48 AM

कोरिया:

कोरिया जिला मुख्यालय से लगभग 150 किलोमीटर दूर भरतपुर सोनहत विधानसभा के कई ऐसे गांव है जो मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है . ग्राम भरतपुर में रहने वाले बैगा जनजाति के लोग आज भी बिजली-सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से कोसो दूर है. यह विधानसभा प्रदेश की पहले नंबर की विधानसभा का दर्जा प्राप्त है. छत्तीसगढ़ प्रदेश में बिजली तिहार मनाया गया , लेकिन सरप्लस बिजली वाले राज्य में लोगों को कितनी बिजली मिल पाती है. इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश की प्रथम विधानसभा का दर्जा प्राप्त भरतपुर सोनहत अंर्तगत सोनहत् विकासखंड के कई ग्राम पंचायतों में आज भी लोग ढिबरी युग में जी रहे हैं.

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आलम यह है कि बिजली ना होने से लोगों के जरूरी काम काज भी नहीं हो पाते . हैरत वाली बात तो यह है कि खुद मुख्यमंत्री एक साल पहले भरतपुर सोनहत के हर गांव में बिजली लगाने का आश्वासन दे चुके हैं और अब विधानसभा चुनाव को लेकर भरतपुर मैं कुछ दिन पहले अटल विकास यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री रमन सिंह पहुंचे थे. सोनहत विकासखंड के ग्राम पंचायत बसेर के आश्रित ग्राम तर्रा में लगभग 20 साल पहले बिजली के खंबे लगा दिए गए थे तब लोगों को लगा था कि जल्दी ही उनके गांव में बिजली आ जाएगी . लेकिन 20 साल बाद भी जब बिजली नहीं पहुंची तो लोग पूरी तरह से उम्मीद छोड़ चुके थे.

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भरतपुर विधानसभा के ग्राम पंचायत भरतपुर के वार्ड क्रमांक 10 जहा बैगा जनजाति के लगभग 1300 लोग रहते है जहां ये मुलभुत सुविधाओं से कोसो दूर है छत्तीसगढ़ राज्य का गठन 1 नवंबर 2000 में हुआ तब इस विधानसभा में रहने वाले लोग यही सोचे की अब उनको पावर हब कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ की बिजली मिलेगी मगर उनका सपना सपना ही रह गया और आज भी उन्हें मध्यप्रदेश की बिजली मिल रही है .

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भरतपुर की विधायक चम्पादेवी पावले दावा है कि कई गांव में खम्बे लग गये हैं जल्द बिजली पहुंच जायेगी.आज सभी गांव में सीसी सड़क पुल पुलिया बन गई है . स्वास्थ्य सुविधा के लिए गांव गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं. मुख्यमंत्री रमन सिंह के पास ऊर्जा का विभाग है ऐसे में प्रदेश की प्रथम विधानसभा के लोगों को बिजली ना मिल पाए तो यह समझ में ही नहीं आता कि आखिर विकास हो कहाँ रहा है . एक ओर केंद्र सरकार 38 हजार गांव को बिजली देने की बात कर रही है .