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कर्नाटक चुनाव: विधानसभा की 222 सीटों के लिये मतदान आज, कांग्रेस-बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला

दोनों राष्ट्रीय दलों राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और बीजेपी ने यहां एड़ी-चोटी का जोर लगाया है, वहीं जेडी(एस) इस चुनाव में किंगमेकर के रूप में उभर सकती है।

Updated on: 12 May 2018, 12:18 AM

नई दिल्ली:

कर्नाटक विधानसभा की 224 में से 222 विधानसभा सीटों के लिये 12 मई को वोट डाले जाएंगे। इस बार के चुनाव में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला है।

हालांकि ओपीनियन पोल की मानें तो राज्य में त्रिशंकु विधानसभा के आसार हैं और एचडी देवेगौड़ा की पार्टी जेडी(एस) सरकार बनाने में किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है।

लेकिन मतदान के एक दिन पहले शुक्रवार रात को बेंगलुरू में झमाझम बारिश हुई और सड़कों पर पानी भर गया जिससे यातायात भी प्रभावित हुआ। 

मौसम विभाग की माने तो शनिवार को यानी कि मतदान वाले दिन भी राज्य के कई इलाक़ों में बारिश हो सकती है। अगर ऐसा हुआ तो फिर इस बारिश की वजह से मतदान भी प्रभावित होगा।

शनिवार को राज्य की 224 में से 222 सीटों पर होने वाली वोटिंग के परिणाम 15 मई को घोषणा किये जाएंगे। 

इससे पहले शुक्रवार को चुनाव आयोग ने फर्जी वोटर आईडी पाए जाने वाले मामले में कर्नाटक के राजराजेश्वरी नगर विधानसभा सीट के लिये चुनाव टाल दिया। अब वहां पर 28 मई को चुनाव कराए जाएंगे और वोटों की गिनती 31 मई को होगी।

वहीं बेंगलुरू के जयनगर विधानसभा क्षेत्र के चुनाव को भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार बीएन विजय कुमार के चार मई को निधन होने के बाद रद्द कर दिया गया था। यहां कुल सीटों में से 36 अनुसूचित जाति और 15 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।

गर्मी के इस मौसम में हो रहे इस एकमात्र विधानसभा चुनाव से देश का राजनीतिक पारा चढ़ गया है। पूरे देश की नजर कर्नाटक पर टिकी हुई है। कांग्रेस और बीजेपी ने यहां एड़ी-चोटी का जोर लगाया है, वहीं जेडी(एस) इस चुनाव में किंगमेकर के रूप में उभर सकती है या फिर खंडित जनादेश की स्थिति उत्पन्न कर सकती है।

एक चुनावी विश्लेषक ने इस बारे में कहा, 'अगर कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर को दरकिनार कर सत्ता पर काबिज होने के लिए बेकरार है तो बीजेपी दक्षिण राज्य में पांच वर्ष पहले करारी हार के बाद सत्ता प्राप्त करना चाहती है। वहीं जेडी(एस) नई सरकार के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की कोशिश में है।'

इस चुनाव में करीब 4.96 करोड़ लोग अपने मत के अधिकार का प्रयोग करेंगे, जिसमें 2.52 करोड़ पुरुष और 2.44 करोड़ महिलाएं शामिल हैं। वहीं 4500 ट्रांसजेंडर भी इस बार चुनाव में मतदान करने के पात्र हैं।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजीव कुमार ने कहा, 'यहां कुल 2,654 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं, जिसमें से 219 महिलाएं, 222 कांग्रेस से, 222 बीजेपी से, 201 जेडी(एस) से, 1,155 स्वतंत्र उम्मीदवार और अन्य राष्ट्रीय, क्षेत्रीय पार्टियों के लगभग 800 उम्मीदवार शामिल हैं।'

कांग्रेस की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष बीके चंद्रशेखर ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी 115 सीटें जीतने में सफल होगी, जोकि सरकार बनाने के लिए 113 सीटों से ज्यादा है।

चंद्रशेखर ने कहा, 'हमारी कल्याणकारी योजनाएं जैसे इंदिरा कैंटीन, सभी घरों में प्रत्येक व्यक्ति को सात किलोग्राम मुफ्त चावल, स्कूली विद्यार्थियों को मुफ्त दूध, स्नातकोत्तर तक लड़कियों को मुफ्त शिक्षा जैसी योजनाएं हमारे पक्ष में काम करेंगी। बड़ी संख्या में महिलाएं हमें वोट डालना चाहती हैं। हम बहुमत पाने को लेकर आश्वस्त हैं।'

वहीं बीजेपी प्रवक्ता मालविका अविनाश ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि हमें कांग्रेस के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर की वजह से बहुमत मिलेगा। हम अपने दम पर बिना किसी पार्टी के समर्थन के सरकार बनाने के लिए निर्णायक बहुमत पाने को लेकर आश्वस्त हैं, क्योंकि यहां गठबंधन सरकार पहले भी विफल हो चुकी है।'

जेडी(एस) के प्रवक्ता रमेश बाबू ने कहा, 'हम सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेंगे। स्वतंत्र उम्मीदवारों के समर्थन से हम अगली सरकार बनाएंगे। लोग चाहते हैं कि हमारी जैसी स्थानीय पार्टी सत्ता में आए, क्योंकि राष्ट्रीय पार्टियों ने उन्हें धोखा दिया है।'

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