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झारखंड चुनाव : विधायक बनने की चाहत में 'नेता परिक्रमा' में जुटे कार्यकर्ता

Jharkhand Assembly Election : कांग्रेस (Congress) हो या भारतीय जनता पार्टी (BJP) या झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM-झामुमो), सभी दलों के वरिष्ठ नेताओं के आवासों पर कार्यकर्ताओं की भीड़ टिकट को लेकर जुटने लगी है.

Updated on: 06 Nov 2019, 08:42 AM

रांची:

झारखंड में विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election) की घोषणा के साथ यहां के राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के आवासों पर टिकट पाने की होड़ में नेताओं का जमावड़ा शुरू हो गया है. हालांकि, सभी राजनीतिक दल इस चुनाव में जिताऊ उम्मीदवार को लेकर सजग दिख रहे हैं. कांग्रेस (Congress) हो या भारतीय जनता पार्टी (BJP) या झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM-झामुमो), सभी दलों के वरिष्ठ नेताओं के आवासों पर कार्यकर्ताओं की भीड़ टिकट को लेकर जुटने लगी है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ (Laxman Gilua) मानते हैं कि चुनाव के समय कार्यकर्ताओं की इच्छा टिकट पाने की होती है और इसमें किसी एक को ही टिकट मिलता है. उन्होंने कहा कि भाजपा पिछले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) की तरह 72-73 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सहयोगी दलों के साथ मिलकर सब कुछ तय कर लिया जाएगा.

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भाजपा के एक नेता के अनुसार, भाजपा 'अबकी बार 65 पार' के साथ इस चुनाव में लोकसभा चुनाव की सफलता को दोहराने की कोशिश में जुटी है, इस कारण टिकट को लेकर कोई गलती करने के मूड में नहीं है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने अपने प्रदेश नेताओं को स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि मापदंड पर खरा नहीं उतरने वाले मंत्रियों और विधायकों के टिकट कटेंगे और कोई कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो, उसकी पसंद-नापसंद पर न किसी को टिकट मिलेगा और न ही कटेगा.

पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व राज्य से रिपोर्ट लेने के बाद उम्मीदवारों पर फैसला लेगा. सूत्रों का दावा है कि ऐसे में भाजपा कई वर्तमान विधायकों और मंत्रियों के भी टिकट काट सकती है. पार्टी हालांकि अन्य दलों से आए विधायकों को लेकर दबाव में है. पार्टी के एक सांसद हालांकि इसे सही नहीं मानते. उन्होंने कहा कि पार्टी इन विधायकों को लेकर भी किसी दबाव में नहीं है. इन्हें भाजपा में आने के लिए कोई शर्त नहीं रखी गई है. केंद्रीय नेतृत्व सारी स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं.

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दूसरी ओर, विपक्षी दलों के महागठबंधन को लेकर अब तक भले ही पूरी तस्वीर साफ नहीं है, लेकिन टिकट की आस में कार्यकर्ता प्रदेश स्तर के नेताओं के यहां पहुंचने लगे हैं. झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के आवास पर टिकट पाने वाले नेताओं, कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी हुई है.

विधायक बनने की चाह में कार्यकर्ता अपने नेताओं के द्वारे-द्वारे घूम रहे हैं. इनमें अधिकांश पार्टी के कार्यकर्ता और युवा शामिल हैं. पलामू जिले से झामुमो का एक कार्यकर्ता पिछले तीन दिनों से पार्टी कार्यालय और हेमंत सोरेन के आवास की परिक्रमा कर रहा है. इस कार्यकर्ता को आशा है कि उसे टिकट मिल जाएगा. टिकट के जुगाड़ में कार्यकर्ता आकर्षक बायोडेटा बनाकर भी लाए हैं.

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झामुमो के महासचिव विनोद पांडेय ने बताया, "छह नंवबर को कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है. शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन की मौजूदगी में यह बैठक होगी. इसमें विधानसभा चुनाव और गठबंधन के स्वरूप पर निर्णय लिया जाएगा. इसके बाद आठ नवंबर को झामुमो पहले चरण के चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करेगा."

कांग्रेस और झामुमो के अलावा अन्य दलों की स्थिति भी ऐसी ही है. कांग्रेस से टिकट की चाह रखने वाले एक नेता ने कहा कि पार्टी के लिए मेहनत किए हैं तो इसके बदले कुछ तो मिलना चाहिए. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केशव महतो कमलेश का कहना है कि "टिकट तो दिल्ली में फाइनल होना है, उससे पहले सोमवार को प्रदेश कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक होगी। इसके बाद कुछ तय होना है."