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Jharkhand Poll: सीएम रघुवर दास के खिलाफ कांग्रेस के गौरव वल्लभ चुनावी मैदान में

गौरव वल्लभ टीवी डिबेट्स में कांग्रेस का जाना-माना चेहरा हैं और काफी कम समय में लोकप्रिय हुए हैं.

Updated on: 17 Nov 2019, 12:02 AM

highlights

  • कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए जमशेदपुर से उतारा प्रत्याशी. 
  • कांग्रेस ने तेज तर्रार प्रवक्ता गौरव वल्लभ का नाम आगे किया है. 
  • चुनावी मैैदान में गौरव वल्लभ का सामना सीएम रघुबर दास से होगा.

रायपुर:

Jharkhand Poll: झारखंड विधानसभा चुनावों (Jharkhand Assembly Elections 2019) के लिए कांग्रेस (Congress) ने लिस्ट जारी कर सीएम रघुवर दास (CM Raghubar Das) के खिलाफ अपना प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है. कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने सीएम रघुवर दास के खिेलाफ गौरव वल्लभ का नाम आगे किया है. कांग्रेस
पार्टी ने गौरव वल्लभ को जमशेपुर पूर्वी से पार्टी के उम्मीदवार के रुप में चुनावी मैदान में उतारा है. बता दें कि गौरव वल्लभ टीवी डिबेट्स में कांग्रेस का जाना-माना चेहरा हैं और काफी कम समय में लोकप्रिय हुए हैं. इसके अलावा वह झारखंड के जमशेदपुर में स्थित एक्सएलआईआई में प्रोफ्रेसर रह चुके हैं. कुछ दिन पहले बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा को एक टीवी डिबेट में चित्त करने के बाद वह अचानक से सुर्खियों में आ गए. इसके बाद उनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं.

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दरअसल,झारखंड में ही एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा और कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ का बीच संवाद का वीडियो लोगों ने खूब पसंद किया था. इन दोनों प्रवक्ताओं के बीच तीखी बहस चल रही थी. इस दौरान वल्लभ ने संबित पात्रा से पूछा कि आप पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात करते हैं, क्या आप बता सकते हैं कि पांच ट्रिलियन में कितने जीरो होते हैं. वल्लभ के इस सवाल का संबित पात्रा जवाब नहीं दे पाए थे. सोशल मीडिया पर इसका वीडियो धड़ल्ले से शेयर किया गया था.

झारखंड में ऐसा रही है कांग्रेस की राह

झारखंड में विपक्षी दलों कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का महागठबंधन चुनावी मैदान में उतर चुका है. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ कांग्रेस राज्य में एक बार फिर विधानसभा चुनाव हेमंत सोरेन की अगुवाई वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा और राजद के साथ गठबंधन में लड़ रही है. सीट बंटवारे की व्यवस्था के अनुसार, 81 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस जहां 31 सीटों पर चुनावी मैदान में हैं, जबकि झामुमो 43 सीट और आरजेडी 7 सीटों पर ताल ठोक रही है.

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वैसे कांग्रेस झारखंड में अपनी खोई जमीन तलाशने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही है. मगर राज्य में अभी तक उसे सत्ता हासिल नहीं हो पाई है. कांग्रेस का कोई भी नेता झारखंड सरकार की गद्दी पर नहीं बैठ पाया है. पिछले 3 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस तीसरे और चौथे नंबर की ही पार्टी चुनकर आई. हां, ये बात अलग है कि कांग्रेस के समर्थन से झारखंड में झामुमो सरकार बनाने में सफल हो पाई.

झारखंड के अलग राज्य बनने से बाद पहली बार 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने झामुमो के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. तब कांग्रेस ने 38 सीटों में से 9 और झामुमो ने 43 सीटों में से 17 सीटें जीती थीं. 2009 के विधानसभा चुनाव में यह गठबंधन टूट गया. उस वक्त कांग्रेस ने झारखंड विकास मोर्चा (झावुमो) के साथ गठबंधन दिया. चुनाव में कांग्रेस 54 सीटों पर और झावुमो 25 सीटों पर उतरी. जिनमें से कांग्रेस 14 और झावुमो 11 सीटें जीतने में सफल रहीं.

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हालांकि 2014 के चुनाव से पहले कांग्रेस ने झामुमो को समर्थन दिया और राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनाई. मगर यह दोस्ती ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाई. 2014 के विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा. जिसमें झामुमो राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर निकलकर आई तो कांग्रेस 61 सीटों में से मात्र 5 सीटें ही बचाने में कामयाब हो पाई. लेकिन 2019 में दोनों पार्टियां के बार फिर साथ आ गई हैं और राजद से हाथ मिलाकर चुनावी उखाड़े में उतर गई हैं.