झारखंड में शनिवार को तय हो सकता है मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी का फार्मूला
झारखंड में शनिवार को कांग्रेस और झामुमो मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी के फार्मूले को अंतिम रूप दे सकते हैं.
दिल्ली:
झारखंड में शनिवार को कांग्रेस और झामुमो मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी के फार्मूले को अंतिम रूप दे सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस हेमंत सोरेन की अगुवाई वाले मंत्रिमंडल में अपने लिए पांच मंत्री पद और विधानसभा अध्यक्ष का पद भी चाहती है. इस संबंध में एक सूत्र ने बताया कि झामुमो विधानसभा अध्यक्ष का पद कांग्रेस को देने के लिए लगभग तैयार है. हालांकि वह कांग्रेस कोटे से सिर्फ चार मंत्री चाहता है.
राजद को मंत्रिमंडल में शामिल करने या नहीं करने को लेकर भी अभी दोनों पार्टियों के बीच सहमति बननी है. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह और सोरेन शनिवार को मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी के फार्मूले को अंतिम रूप दे सकते हैं. इस बीच, दिल्ली में झारखंड के कई कांग्रेस विधायक पिछले दो दिनों से लगातार प्रयासरत हैं कि उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिल जाए.
दरअसल, झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election) में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की जीत के बाद 29 दिसंबर को हेमंत सोरेन (Hemant Soren) मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. चुनाव में गठबंधन को 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 सीटें मिली हैं. झामुमो (JMM) को 30, कांग्रेस को 16 और राजद को एक सीट मिली.
आपको बता दें कि झारखंड विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने वाले महागठबंधन के नेता हेमंत सोरेन पीएम नरेंद्र मोदी की राह पर चल पड़े हैं. उन्होंने सीएम पद की शपथ लेने से पहले नेताओं और लोगों से एक अपील की है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) प्रमुख हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर अपील की है कि गिफ्ट में उन्हें बुके के बदले बुक प्रदान करें.
हेमंत सोरेन ने अपने ट्वीट में लिखा है कि साथियों, मैं अभिभूत हूं आप झारखंडवासियों के प्यार एवं सम्मान से. पर मैं आप सबसे एक करबद्ध प्रार्थना करना चाहूंगा, कि कृपया कर मुझे फूलों के बुके की जगह ज्ञान से भरे बुक मतलब अपने पसंद की कोई भी किताब दें. मुझे बहुत बुरा लगता है कि मैं आपके फूलों को सम्भाल नहीं पाता हूं.
सोरेन ने लिखा कि आप अपने द्वारा दिए गए किताबों में अपना नाम लिख कर दें, ताकि जब हम आपकी किताबों को संभाल कर एक लाइब्रेरी बनवाएंगे- तो आपका प्रेम भरा यह उपहार हमेशा हम सभी का ज्ञानवर्धन करेगा.
हेमंत सोरेन की यह अपील पीएम नरेंद्र मोदी के दो साल पहले दिए गए बयान से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें मोदी ने अपील की थी कि शुभकामना के रूप में बुके देने के बजाए पुस्तक भेंट करें, क्योंकि पढ़ने से ज्यादा आनंद किसी और काम में नहीं आता और ज्ञान से बड़ी कोई ताकत नहीं है.
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