Jharkhand Poll: पूरे दमखम से चुनावी अखाड़े में उतरी आजसू! आंदोलन से निकली थी पार्टी
1986 में अलग झारखंड आंदोलन के दौरान आजसू का गठन हुआ. 22 जून 1986 को जमशेदपूर के सोनारी में आजसू की नींव रखी गई.
रांची:
झारखंड बनने के बाद से करीब 19 सालों तक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) के बीच चली दोस्ती अब टूट के कगार पर पहुंच चुकी है. हालांकि दोनों दलों ने अब तक इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन विधानसभा चुनाव में जिस तरह एक-दूसरे के दावे वाली सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा की जा रही है, उससे यह साफ है कि दोनों दल अब बस गठबंधन के टूटने के 'अपयश' से बचना चाह रहे हैं. इस चुनाव में जिस तरह से छोटे दल पूरे दमखम से चुनावी अखाड़े में उतरे हैं, उससे मुकाबला दिलचस्प होने के आसार बढ़ गए हैं.
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बीजेपी अब तक कुल 68 प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है, जबकि आजसू ने 12 उम्मीदवारों को टिकट दे दिया है. 2009 के विधानसभा चुनाव में आजसू ने 5 सीटों पर जीत हासिल की थी. 2011 में हटिया उपचुनाव में आजसू उम्मीदवार ने झावुमो के उम्मीदवार को हरा दिया था, जिसके बाद आजसू के सदस्यों की संख्या बढ़कर विधानसभा में 6 हो गई. 2005 में झारखंड विधानसभा में आजसू के सदस्यों की संख्या मात्र 2 थी. इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो 2005 में बनी अर्जुन मुंडा सरकार में गृहमंत्री रहे. इसी पार्टी के चंद्रप्रकाश चौधरी को भी अर्जुन मुंडा सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. 2014 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के 5 उम्मीदवार जीते थे. पिछले 5 सालों की राज्य की रघुबर दास सरकार में आजसू पार्टी के विधायक चंद्र प्रकाश चौधरी कैबिनेट मंत्री बनाया गया.
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यह पार्टी एक आंदोलन से निकली. झारखंड समन्वय समिति ने 1984 से 1989 के बीच अलग आंदोलन करने का प्रण लिया था. 1986 में अलग झारखंड आंदोलन के दौरान आजसू का गठन हुआ. 22 जून 1986 को जमशेदपूर के सोनारी में आजसू की नींव रखी गई. आंदोलनकारी युवाओं ने ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (आसू) के द्वारा बाहरी घुसपैठियों के खिलाफ असम में चलाए गए आंदोलन से प्रेरित होकर आजसू का गठन किया था. ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन का निबंधन चुनाव आयोग में आजसू पार्टी के नाम से कराया गया. चुनाव आयोग ने इसे क्षेत्रीय राजनीतिक दल की मान्यता दी. वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो है. आजसू पार्टी को झारखंड राज्य के लिए क्षेत्रीय दल के रूप में चुनाव चिन्ह केला छाप आबंटित है. आजसू पार्टी का मुख्य मकसद झारखंड राज्य का नवनिर्माण करना है. झारखंडी हितों के लिए आजसू पार्टी लगातार आंदोलनरत रही है.
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