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मिशन 65 प्लस के लिए बीजेपी को जीतना होगा सरगुजा और बिलासपुर संभाग

मिशन 65 प्लस के लिए बीजेपी को सरगुजा और बिलासपुर संभाग फतह करना जरूरी है. शयद यही वजह है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को सरगुजा संभाग और बिलासपुर संभाग में चुनावी अभियान को धार दी.

Updated on: 13 Oct 2018, 08:58 AM

आदित्य नामदेव:

मिशन 65 प्लस के लिए बीजेपी को सरगुजा और बिलासपुर संभाग फतह करना जरूरी है. शयद यही वजह है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को सरगुजा संभाग और बिलासपुर संभाग में चुनावी अभियान को धार दी.

सीटों के गणित की बात करें तो सरगुजा संभाग में 14 सीटें हैं और बिलासपुर संभाग में 24 सीटें. 2013 की स्थिति की बात करें तो बीजेपी को सरगुजा संभाग की 14 सीटों में से केवल 7 सीटें मिली थीं और बिलासपुर संभाग की 24 में से 12 सीटें.मतलब साफ है इन दोनों संभागों की 38 सीटों में बीजेपी केवल 19 सीटें हासिल कर पाई थी.

नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव का गढ़ है सरगुजा संभाग
कांग्रेस ने सरगुजा में 14 में से 7 सीटें और बिलासपुर की 24 में से 11 सीटें हासिल की थी. सरगुजा संभाग नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव का गढ़ माना जाता है और कांग्रेस की साख के मुताबिक यहां पर कांग्रेस की बढ़त को रखना उनकी जिम्मेदारी है. वहीं बीजेपी को मिशन 65 प्लस हासिल करना है तो इन दोनों संभाग की 38 सीटों में अधिक से अधिक सीटें जीतना है.

2013 के विधानसभा चुनाव में सरगुजा संभाग की सात सीटें भाजपा के खाते में आई थीं, जिनमें कोरिया एवं जशपुर जिले की सभी तीन-तीन सीट एवं अविभाजित सरगुजा की आठ में से एकमात्र प्रतापपुर सीट शामिल है। जीती हुई सीटों पर वर्तमान विधायकों के एंटी इंकम्बेंसी एवं हारी हुई सीटों पर नए या पुराने चेहरे पर दांव लगाने की दुविधा के बीच संगठन के सामने सबसे ज्यादा मुश्किल नए नेताओं को टिकट देकर पार्टी की अंतरकलह को रोकना है।

बिलासपुर में भी पार्टी अधिक से अधिक नये चेहरों को प्रत्याशी बनाकर एंटी इंकबेंसी के फैक्टर को कम करना चाहती है.बिलासपुर संभाग से मंत्री अमर अग्रवाल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक बड़े नेता माने जाते हैं, ऐसे में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लिए भी बड़ी जवाबदेही है बिलासपुर संभाग में पार्टी को अधिक से अधिक सीटें दिलवाना.इसलिए अमित शाह बूथ लेवल के कार्यकर्ताओ से मिलकर नब्ज टटोलने की कोशिश कर रहे हैं.

2013 सरगुजा-बस्तर हारे, लेकिन फिर बनी भाजपा सरकार

साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 49 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, कांग्रेस ने 39 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में बीएसपी को एक सीट और एक निर्दलीय प्रत्याशी को भी जीत मिली थी। इस चुनाव में बीजेपी को 41.04 फीसदी और कांग्रेस को 40.29 फीसदी वोट मिले थे. इस चुनाव में बीएसपी को 4.27 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे।
लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत ने दवा किया कि मिशन 65 प्लस के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है पिछले चुनाव में जहां सीटें कम हुई थी वहां युद्ध स्तर पर बीजेपी प्रयास कर रही है बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं को अमित शाह जीत का मंत्र दे रहे हैं निश्चित रूप से बीजेपी चौथी बार सरकार बनाएगी. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह का का कहना है कि भाजपा पिछली बार भी इऩ दिनो संभागो मे पीटी थी इस बार भी हारेगी.भाजपा की ये स्थिति हो गयी है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष को दो दिनों तक प्रदेश में रहना पड़ रहा है.

2013 की स्थिति
भाजपा कहां और कैसे पिछड़ी


बिलासपुर संभागनन( कुल सीटें 24 )
भाजपा - 12
कांग्रेस - 11
बसपा - 01

सरगुजा संभाग ( कुल सीटें14 )
भाजपा - 07
कांग्रेस - 07
बसपा - 00