दिल्ली चुनावः प्रवेश वर्मा पर चुनाव आयोग का बैन तो पत्नी ने संभाला मोर्चा
प्रवेश वर्मा के विवादित बयान के बाद चुनाव आयोग की ओर से 96 घंटे का बैन लगाए जाने के बाद उनकी पत्नी ने प्रचार का जिम्मा संभाल लिया है. प्रवेश वर्मा के पहले से तय सभी कार्यक्रमों में अब उनकी पत्नी ने जिम्मा संभाल लिया है.
नई दिल्ली:
प्रवेश वर्मा के विवादित बयान के बाद चुनाव आयोग की ओर से 96 घंटे का बैन लगाए जाने के बाद उनकी पत्नी ने प्रचार का जिम्मा संभाल लिया है. प्रवेश वर्मा के पहले से तय सभी कार्यक्रमों में अब उनकी पत्नी ने जिम्मा संभाल लिया है. सभी सभाओं में परवेश वर्मा की जगह अब उनकी पत्नी स्वाती सिंह पहुंच रही हैं. चुनाव आयोग ने इससे पहले चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी से विवादित और भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा को पार्टी की स्टार प्रचारकों की सूची से हटाने को कहा था.
मुझ पर प्रतिबंध है तो मेरी धर्मपत्नी ने मेरे तय कार्यक्रम मटीयाला विधानसभा में किए। pic.twitter.com/xl3spGjwCk
— Parvesh Sahib Singh (@p_sahibsingh) January 31, 2020
दूसरी ओर, परवेश वर्मा ने कहा था, 'पहले जो आग केरल और पश्चिम बंगाल में लगी थी वह अब दिल्ली तक पहुंच चुकी है. धीरे-धीरे ये लोग आपके घरों में घुसेंगे. लोगों को मारेंगे, बहन बेटियों पर अत्याचार करेंगे. कल मोदी और अमित शाह आपको बचाने नहीं आएंगे. इसलिए आज सही समय है.' उन्होंने कहा, 'यह बात नोट करके रख लेना, यह छोटा-मोटा चुनाव नहीं है बल्कि देश में स्थिरता और एकता का चुनाव है. 11 तारीख को अगर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन गई तो एक घंटे के अंदर शाहीन बाग में एक भी आदमी दिखाई दिया तो मैं भी यही हूं और आप भी यही हैं.'
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प्रवेश वर्मा ने सरकारी जमीन पर मस्जिद का मसला उठाते हुए कहा, 'दिल्ली में मेरी सरकार बन गई तो 11 तारीख के बाद केवल एक महीने का समय मुझे दे देना.. मेरी लोकसभा क्षेत्र में जितनी मस्जिद सरकारी जमीन पर बनी हैं उन सभी मस्जिदों को हटा देंगे.’ उधर, 23 जनवरी को कपिल मिश्रा ने एक ट्वीट में कहा था- 'दिल्ली में आठ फरवरी का चुनाव भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले की तरह होगा.' चुनाव आयोग ने इस ट्वीट का संज्ञान लिया तो कपिल मिश्रा ने अपने बयान पर अडिग रहते हुए एक और ट्वीट किया- 'सच बोलने में डर कैसा, अपने बयान पर अडिग हूं.'
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चुनाव आयोग ने कपिल मिश्रा को नोटिस जारी कर कहा था कि आपकी बातों से आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन होता है और इस कानून के अंतर्गत यह दंडनीय अपराध है. उनसे यह भी पूछा गया है कि कारण बताएं कि आपके खिलाफ क्यों न कार्रवाई शुरू की जाए? चुनाव आयोग ने टि्वटर से कहकर कपिल मिश्रा के ट्वीट को हटवा भी दिया था.