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Delhi Elections 2020: इन चार सीटों पर महिलाएं करेंगी उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला

दिल्ली विधानसभा चुनावों में अब कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं. ऐसे में सभी प्रत्याशी लोगों को लुभाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं

Updated on: 27 Jan 2020, 09:43 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा चुनावों में अब कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं. ऐसे में सभी प्रत्याशी लोगों को लुभाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. बात अगर पश्चिमी दिल्ली की करें तो यहां की चार सीटों पर प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला महिलाएं करेंगी. ऐसा इसलिए क्योंकि ये वह सीटे हैं जहां महिलाएं पुरुषों से भी ज्यादा वोटिंग करती हैं.

प्रत्याशी इस बात को जानते हैं और यही वजह है कि यहां पर प्रचार भी वह उसी तरीके से करते हैं. दरअसल इन सीटों पर पिछले विधानसभा चुनावों में महिलाओं ने पुरुषों से भी ज्यादा वोटिंग की थी. इस बार भी यही उम्मीद की जा रही है. पश्चिमी दिल्ली की जिन चार सीटों की हम बात कर रहे हैं उनमें विकासपुरी, द्वारका, मटियाला और नजफगढ़ शामिल है.

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पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का सबसे ज्यादा वोटिंग प्रतिशत इन चारों में से सबसे ज्यादा नजफगढ़ सीट पर दिखाई दिया है. इसके बाद विकासपुरी, द्वारका और फिर मटियाला का नंबर आता है. ऐसे में इन सीटों पर प्रत्याशी सबसे ज्यादा महिलाओं की हितों की बात कर रहे हैं और उनसे जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन सभी सीटों पर महिला सुरक्षा, महंगाई और पब्लिक ट्रांसपोर्ट का मुद्दा छाया है.

बीजेपी ने कराया आतंरिक सर्वे

वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी हैसियत का पता लगाने के लिए आंतरिक सर्वे कराया है. इस सर्वे में पार्टी को बहुमत मिलता दिख रहा है. आंतरिक सर्वे सच साबित हुआ तो दिल्ली में भाजपा 40 सीटें जीत सकती है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह सर्वे 20 जनवरी तक दिल्ली की सभी 70 सीटों पर बने माहौल के आधार पर हुआ है. अभी पार्टी मतदान होने से पहले भी एक और सर्वे कराकर सीटों पर संभावित जीत का अपडेट जानेगी.

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मनोज तिवारी का 47 सीटें जीतने का दावा

हालांकि, भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी दावा कर चुके हैं कि भाजपा इस चुनाव में 47 से ज्यादा सीटें जीतने जा रही है. उन्होंने बीते 14 जनवरी को कहा था कि पहले हमें 42 के आसपास सीटें मिलने की उम्मीद थी, मगर सीएए के नाम पर विपक्ष की ओर से कराई गए हिंसा के कारण पांच से सात सीटें पार्टी को ज्यादा मिल रहीं हैं. पार्टी की ओर से कराया गया आंतरिक सर्वे मनोज तिवारी के दावे के बिल्कुल करीब तो नहीं मगर आसपास जरूर नजर आ रहा है.