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Delhi Assembly Election: करोल बाग में लगेगी AAP की 'हैट्रिक' या BJP मारेगी 'चौका'

Delhi Assembly Election: करोल बाग की पहचान दिल्ली के प्रतिष्ठित बाजारों में होती है. यहां हर रोज बड़ी संख्या में लोग खरीददारी के लिए पहुंचेंगे, मगर फिलहाल यहां का माहौल चुनावी है.

Updated on: 12 Jan 2020, 01:50 PM

नई दिल्ली:

Delhi Assembly Election: करोल बाग की पहचान दिल्ली के प्रतिष्ठित बाजारों में होती है. यहां हर रोज बड़ी संख्या में लोग खरीददारी के लिए पहुंचेंगे, मगर फिलहाल यहां का माहौल चुनावी है. करोल बाग विधानसभा सीट सेंट्रल दिल्ली जिले के अंर्तगत आती है और सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में करोल बाग सीट एक अब तक ऐसी सीट रही है, जिस पर किसी भी दल का हमेशा कब्जा नहीं रहा है. बीजेपी और कांग्रेस के अलावा यहां सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने भी जीत का स्वाद चखा है.

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पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कब्जा किया

करोल बाग विधानसभा सीट पर पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कब्जा किया. आप के विशेष रवि ने बीजेपी के योगेंद्र चंदोलिया को 32,880 वोटों से हराया था. विशेष रवि को 67,429 वोट मिले थे और योगेंद्र चंदोलिया ने 34,549 मत हासिल किए थे. जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार मदन खोरवाल तीसरे स्थान पर रहे थे. 2015 में यहां से कुल 11 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे थे.

करोल बाग विधानसभा सीट पर 2015 के चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 1,64,715 थी. इनमें 90,435 पुरुष और 74,272 महिला वोटर्स शामिल थे. इसके अलावा 8 मतदाता थर्ड जेंडर भी थे. पिछले चुनाव में यहां कुल 1,12,751 वोटर्स ने मतदान किया था. कुल मिलाकर 2015 में इस सीट पर 68.5 फीसदी मतदान हुआ था.

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यहां किसी एक दल का दबदबा नहीं रहा

1993 से ही सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रही है. लेकिन यहां किसी एक दल का दबदबा नहीं रहा है. 1993 में इस सीट पर बीजेपी का जीत से आगाज हुआ था. बीजेपी के एसपी रतवाल ने यहां चुनाव जीता था. इसके बाद 1998 में कांग्रेस ने सीट को कब्जा लिया, लेकिन 2003 के चुनाव में फिर से यहां बीजेपी की वापसी हुई. बीजेपी ने 2008 में भी जीत हासिल की थी.

दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी की एंट्री हुई तो यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया. 2013 के चुनाव में आप पर जीत दर्ज की. अपनी पकड़ को बरकरार रखते हुए आम आदमी पार्टी ने 2015 में इस सीट पर कब्जा किया. आप के विशेष रवि ने लगातार 2 बार यहां से चुनाव जीता है.

इस बार बीजेपी और आप में कांटे की टक्कर तय

अभी तक के इतिहास में इस सीट से बीजेपी ने 3 और आम आदमी पार्टी ने 2 बार चुनाव जीता है, जबकि कांग्रेस महज एक बार चुनाव जीत पाई है. लेकिन इस बार बीजेपी और आप के बीच यहां कड़ी टक्कर मानी जा रही है. क्योंकि बीजेपी यहां चौका लगाने की फिराक में तो आम आदमी पार्टी भी अपनी 'हैट्रिक' बनाना चाहती है.