Delhi Assembly Election 2020: तिलक नगर सीट पर आज तक एक ही परिवार के भरोसे रही BJP
तिलक नगर विधानसभा सीट दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में एक है. यह पश्चिमी दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अन्तर्गत पड़ती है.
नई दिल्ली:
Delhi Assembly Election 2020: 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए 8 फरवरी को मतदान होना है. सभी दलों के बीच राष्ट्रीय राजधानी में दमखम दिखाने की होड़ लगी है. तिलक नगर की गलियों में भी सियासी शोर मचा है. तिलक नगर विधानसभा सीट दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में एक है. यह पश्चिमी दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अन्तर्गत पड़ती है. तिलक नगर सीट पर पंजाबी समुदाय जीत हार तय करते हैं. तिलक नगर में सबसे ज्यादा प्रति एक हजार पुरुष पर 951 महिला मतदाता हैं. 2015 के चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 1,46,892 वोटर्स थे. इनमें 76,050 पुरुष और 70,836 महिला वोटर्स थे.
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अगर 2015 के विधानसभा चुनाव में बात करें तो इस क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार जरनैल सिंह ने जीत हासिल की. उन्होंने बीजेपी के राजीव बब्बर को 19,890 वोटों से हराया था. जरनैल सिंह को 57,180 (55.1 फीसदी) वोट मिले थे. जबकि राजीव बब्बर के पक्ष में 37,290 (35.9 फीसदी) वोट आए थे. कांग्रेस के दुलीचंद लोहिया कुल 7,303 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. 2015 में इस सीट पर कुल 11 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे.
साल 1993 में दिल्ली को विधानसभा का दर्जा मिलने के बाद पहली बार यहां बीजेपी ने जीत से आगाज किया था. 1993 में बीजेपी के ओपी बब्बर ने जीत हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस के तरविंदर सिंह मारवाह को 16,570 वोटों से पराजित किया था. हालांकि 1998 में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. 1998 में कांग्रेस के जसपाल सिंह ने चुनाव जीता था. उन्होंने ओपी बब्बर को 5,628 वोटों से मात दी थी. इसके बाद 2003 के चुनाव में ओपी बब्बर एक बार फिर जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. कांग्रेस ने जसपाल सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था, जिन्हें 5,628 से हार का मुंह देखना पड़ा था.
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2008 के विधानसभा चुनाव में भी ओपी बब्बर को जीत मिली थी. तब कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार अनीता बब्बर को बनाया था, मगर अनीता को 12,118 वोटों के अंतर से पराजय झेलनी पड़ी. इसके बाद 2013 और 2015 में आम आदमी पार्टी ने इस सीट पर कब्जा किया. 2013 में आप के जरनैल सिंह और बीजेपी के राजीव बब्बर के बीच मुकाबला रहा. जिसमें जरनैल सिंह ने राजीव बब्बर को 2088 वोटों के मामूली अंतर से पराजित किया था. 2015 के विधानसभा चुनाव में भी यही नतीजा रहा था. अब देखना यह है कि आम आदमी पार्टी अपने प्रदर्शन को बरकरार रखने में कामयाब होती है या यहां फिर से बीजेपी वापसी करती है.
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