logo-image

दिल्ली: पटेल नगर सीट पर AAP ने इस नए चेहरे को उतारा, पत्नी की बराबरी करने की चुनौती

Delhi Assembly Election 2020: राज कुमार आनंद डॉ. अंबेडकर पाठशाला के संस्थापक और एक समाजसेवी हैं.

Updated on: 18 Jan 2020, 02:30 PM

नई दिल्ली:

Delhi Assembly Election 2020: अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित पटेल नगर (Patel Nagar) विधानसभा सीट सेंट्रल दिल्ली जिले में पड़ती है. यहां कांग्रेस (Congress) जीत का 'चौका' और आम आदमी पार्टी 'हैट्रिक' लगाना चाहती है तो बीजेपी (BJP) इस सीट पर 27 साल के लंबे इंतजार के बाद वापसी की उम्मीद में हैं. आम आदमी पार्टी (AAP) ने यहां से अपने नया उम्मीदवार उतारा है. आप ने पूर्व विधायक वीणा आनंद के पति राजकुमार आनंद को टिकट दिया है.

यह भी पढ़ेंः Delhi Assembly Polls: BJP की पहली लिस्ट में एक भी मुस्लिम नहीं, नई दिल्ली सीट पर सस्पेंस

राज कुमार आनंद डॉ. अंबेडकर पाठशाला के संस्थापक और एक समाजसेवी हैं. दलित चेहरा होने की वजह से आम आदमी पार्टी ने उन्हें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित पटेल नगर सीट से मैदान में उतारा है. राज कुमार आनंद पहले भी आम आदमी पार्टी के नेता थे. 2013 के विधानसभा चुनाव में आप ने राज कुमार आनंद की पत्नी वीणा आनंद को पटेल नगर सीट से टिकट दिया था और उन्होंने जीत भी हासिल की थी. हालांकि 2015 के चुनाव में आप ने वीणा आनंद का टिकट काट दिया था और पटेल नगर से हजारी लाल चौहान को मैदान में उतारा था.

जिसके बाद 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान राजकुमार आनंद और उनकी पत्नी ने आम आदमी पार्टी छोड़ दी थी. लेकिन 2020 के चुनावों पहले दोनों ने अपने समर्थकों से साथ आप में वापसी कर ली. पिछले साल जुलाई में अरविंद केजरीवाल ने राज कुमार आनंद और उनकी पत्नी वीणा आनंद सहित उनके समर्थकों को पार्टी की सदस्यता दिलाई थी.

यह भी पढ़ेंः Delhi Assembly Election 2020: दिल्ली की चुनावी रैलियों पर आंतक का साया, ये बड़े नेता हैं आतंकी टारगेट पर

गौरतलब है कि पटेल नगर सीट 1998 से लेकर 2008 तक कांग्रेस का गढ़ रही. 2013 और 2015 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने इस सीट पर कब्जा किया. 1993 में पटेल नगर सीट से जीत का आगाज करने वाली बीजेपी उसके बाद अभी तक यहां वापसी नहीं कर सकी है. 2015 के चुनावों के मुताबिक, पटेल नगर विधानसभा क्षेत्र में कुल वोटर्स 1,71,077 थे, जिसमें 93,450 पुरुष और 77,625 महिलाएं थीं. बहरहाल, देखना होगा कि राज कुमार आनंद यहां चुनाव जीतकर अपनी पत्नी की बराबरी कर पाते हैं कि नहीं.