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Delhi Polls 2020: 2015 में मिले थे 65 फीसद वोट, क्या इस बार जीत की हैट्रिक बनाएंगे केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं. वह लगातार दूसरी बार दिल्ली प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं. वह नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.

Updated on: 08 Feb 2020, 09:45 AM

नई दिल्ली:

70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आज यानी कि 8 फरवरी 2020 को वोटिंग की जा रही है जबकि 11 फरवरी 2020 को इस चुनाव के नतीजे आएंगे. दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2020) में सबसे महत्वपूर्ण सीट कोई है तो वो इस वक्त नई दिल्ली विधानसभा सीट (New Delhi Assembly Seat) है क्योंकि नई दिल्ली विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी (Aam Adami Party) के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस चुनावी मैदान में होंगे. अन्ना हजारे के प्रदर्शनों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के बाद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार मुक्त सरकार के नाम पर आम आदमी पार्टी का 2012 में किया था.

कौन हैं अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं. वह लगातार दूसरी बार दिल्ली प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं. वह नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. अरविंद केजरीवाल के परिवार में उनके माता-पिता, उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल, बेटा पुलकित केजरीवाल और एक बेटी हर्षिता है. हरियाणा के हिसार में 1989 में जन्मे अरविंद ने आईआईटी खड़गपुर से पढ़ाई की और भारतीय राजस्व सेवा के लिए चुने गए. 2012 में अन्ना आंदोलन में हिस्सा लेने के दौरान उन्होंने राजस्व विभाग से अपनी नौकरी छोड़ दी. इसके बाद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी का गठन किया और 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में कूद पड़े.

इस चुनाव में अरविंद के नेतृत्व में पार्टी ने जीत हासिल की और वह मुख्यमंत्री बने. 2015 में दोबारा विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी को जीत हासिल हुई और अरविंद केजरीवाल फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री बने. 2006 में अरविंद केजरीवाल को सामाजिक कार्यों के लिए प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित किया गया. अरविंद केजरीवाल को इसके अलावा भी कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. 2014 में टाइम मैग्जीन ने केजरीवाल को विश्व के सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया था. केजरीवाल ने स्वराज नाम की किताब भी लिखी है.

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साल 1999 में जब वे सरकारी सेवा में थे तभी उन्होंने परिवर्तन नाम का आंदोलन चलाया था, जिसके जरिए उन्होंने दिल्ली और आसपास के इलाकों में लोगों की मदद करने का लक्ष्य रखा. सूचना का अधिकार कानून बनाने के लिए उन्होंने अरुणा रॉय के साथ चुपचाप सामाजिक आंदोलन चलाया था. 2005 में यह देशव्यापी कानून बनवाने में मदद की. उन्हें इसके लिए देश भर से पुरस्कार और प्रोत्साहन मिला.

बाद में उन्होंने जन लोकपाल बिल के लिए अन्ना हजारे के साथ मिलकर अनशन किया और धरनों, प्रदर्शनों में हिस्सा लिया. देश भर से उन्हें समर्थन मिला और उन्होंने प्रशांत भूषण, शांति भूषण, संतोष हेगड़े और किरण बेदी के साथ मिलकर जन लोकपाल के लिए आंदोलन चलाया, लेकिन यह आंदोलन सरकारी पेंतरेबाजी और राजनीतिक दलों की खींचतान के चलते आगे नहीं बढ़ सका. इसके लिए अन्ना हजारे और केजरीवाल जेल भी गए, लेकिन अंतत: कोई सार्थक परिणाम नहीं निकल सका.

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नई दिल्ली सीट का समीकरण
नई दिल्ली विधानसभा सीट पर अरविंद केजरीवाल 2013 और 2015 में दो बार जीत हासिल कर मुख्यमंत्री की सीट पर कब्जा जमा चुके हैं. इसी सीट से उन्होंने दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराया था. इसके बाद से इस सीट पर इन्हीं का कब्जा रहा है.
जबकि भाजपा से चुनावी मैदान में सुनील यादव हैं. सुनील यादव को अरविंद केजरीवाल के खिलाफ उतारा गया है. सुनील वकील और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं. जबकि कांग्रेस ने नई दिल्ली सीट से रोमेश सभरवाल को उतारा है. रोमेश सभरवाल दिल्ली सरकार के पर्यटन विभाग में निदेशक पद पर कार्यरत रह चुके हैं.