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अरविंद केजरीवाल के सामने 67 सीटें बचाने की चुनाैती, बीजेपी और कांग्रेस वापसी की फिराक में

Delhi Assembly Election 2020 :2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में मिली जीत के बाद भी बीजेपी महज 3 सीटों पर सिमटकर रह गई थी, जबकि कांग्रेस तो खाता भी नहीं खोल पाई थी.

Updated on: 06 Jan 2020, 02:44 PM

नई दिल्‍ली:

Delhi Assembly Election 2020 : 2015 के विधानसभा चुनाव में दिल्‍ली में आम आदमी पार्टी ने रिकॉर्डतोड़ जीत हासिल की थी. 70 विधानसभा सीटों में से 67 सीटों पर जीत का परचम लहराकर आम आदमी पार्टी ने राजनीतिक पंडितों के अलावा अपने विरोधियों को भी चौंका दिया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में मिली जीत के बाद भी 2015 में हुए चुनाव में बीजेपी महज 3 सीटों पर सिमटकर रह गई थी, जबकि कांग्रेस तो खाता भी नहीं खोल पाई थी. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी एक भी सीट पर बढ़त नहीं बना पाई और आधे से अधिक सीटों पर उसकी जमानत तक जब्‍त हो गई थी. जानकारों का कहना है कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए मुद्दे अलग होते हैं और मतदाताओं का रुझान भी अलग होता है. दिल्‍ली के संदर्भ में यह बात पूरी तरह लागू होती है.

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2019 में हुए लोकसभा चुनावों में दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की थी और वोट प्रतिशत के लिहाज से कांग्रेस दूसरे नंबर पर पहुंच गई थी. आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर खिसक गई थी.

आम आदमी पार्टी (AAP) का दावा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर सरकार बनाएंगे. साल 2015 के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की पार्टी 'आप' ने सबको चौंकाते हुए 54.3 फीसदी वोट शेयर हासिल किए थे. मत प्रतिशत के मामले में बीजेपी 32.3 फीसदी वोट के साथ दूसरे नंबर पर रही तो कांग्रेस का वोट शेयर 9.7 फीसदी पर आ गया था. 2019 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी केवल 18.1 फीसदी वोट पा सकी तो बीजेपी 56.5 फीसदी मत पाने में कामयाब रही. कांग्रेस के वोट शेयर में 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और उसे 22.5 फीसदी वोट मिले.

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उधर, आम आदमी पार्टी ने अपने काम के बल पर एक फिर दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने का दावा किया है. पार्टी का कहना है कि 2015 के विधानसभा चुनाव में किए गए सभी वादे पूरे किए गए हैं. अरविंद केजरीवाल सरकार के मुताबिक, आप की सरकार में शिक्षा को लेकर काफी काम हुआ और पांच सालों में शिक्षा बजट को 6,600 करोड़ रुपए से 15,600 करोड़ रुपए तक बढ़ाया गया. स्वास्थ्य बजट 3,500 करोड़ से बढ़ाकर 7,500 करोड़ रुपए किया गया. 400 से अधिक मोहल्ला क्लीनिक खोले गए. 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली की सुविधा दी गई और चार सौ यूनिट बिजली खपत पर बिजली बिल आधा किया गया.

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बता दें कि चुनाव आयोग आज 3 बजे के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस दिल्‍ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है. संभावना है कि दिल्ली में चुनाव एक ही चरण में कराए जाएंगे. यह भी कहा जा रहा है कि फरवरी के पहले हफ्ते में दिल्ली में चुनाव हो सकते हैं और दूसरे हफ्ते में चुनाव परिणाम आ सकते हैं. इसका कारण यह है कि 15 फरवरी से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की परीक्षाएं होने जा रही हैं. पूरी संभावना है कि 15 फरवरी से पहले दिल्ली में पूरी चुनाव प्रक्रिया खत्‍म करा ली जाएगी.