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दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी ने कसी कमर, शाह ने तड़के 3 बजे तक की बैठक

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार-सोमवार की रात तड़के तीन बजे तक कोर समूह की बैठक की.

Updated on: 13 Jan 2020, 02:21 PM

highlights

  • अमित शाह ने रविवार-सोमवार की रात तड़के तीन बजे तक कोर समूह की बैठक की.
  • 37 प्रतिशत अधिक दिव्यांग मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे.
  • सीईसी की बैठक दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय पर शाम छह बजे संभव.

नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक महीने से भी कम समय बचा है और इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार-सोमवार की रात तड़के तीन बजे तक कोर समूह की बैठक की. दिल्ली चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम पर निर्णय लेने के लिए उन्होंने पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) को भी सोमवार शाम बैठक के लिए बुलाया है. सोमवार को पार्टी की सर्वोच्च निर्णायक इकाई सीईसी की बैठक दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय पर शाम छह बजे हो सकती है और इसमें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ शाह और कार्यकारी अध्यक्ष नड्डा शामिल हो सकते हैं.

रात भर चली बैठक
रातभर चली बैठक में दिल्ली की प्रत्येक सीट पर संभावित उम्मीदवारों के नाम पर प्रतिक्रियाएं ली गई, जिसके बाद सोमवार को सीईसी की बैठक में उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की जाएगी. यह बैठक शाह के आवास पर हुई, जिसमें नड्डा, महासचिव (संगठन) बी.एल. संतोष, भाजपा के दिल्ली प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर, प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी व अन्य लोग शामिल थे. सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने प्रत्येक विधानसभा सीट पर कई सर्वेक्षण किए हैं.

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दिव्यांग मतदाता 37 प्रतिशत बढ़े
पिछले साल हुए आम चुनावों के मुकाबले दिल्ली विधानसभा चुनावों में इस बार 37 प्रतिशत अधिक दिव्यांग मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय द्वारा संकलित नवीनतम आंकड़ों के अनुसार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए 6 जनवरी 2020 तक कुल 55,823 दिव्यांग मतदाता में पंजीकृत हुए हैं. 2019 के लोकसभा चुनावों में इन वोटरों की संख्या 40,532 (37.72 प्रतिशत) थी. दृष्टिबाधित, भाषण/श्रवण अक्षमता, लोकोमोटर विकलांगता और अन्य विकलांगता के आधार पर दिव्यांग मतदाताओं को वर्गीकृत किया जाता है.

खास सुविधाएं जाएंगी जुटाई
इन श्रेणियों में से प्रत्येक में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई है. यह एनसीटी की चुनावी प्रक्रिया में ऐसे मतदाताओं के उच्च पंजीकरण को दर्शाती है. मुख्य चुनाव अधिकारी रणबीर सिंह ने कहा कि दिव्यांगजन अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें और उन्हें दिक्कतें ना आए, इसे लेकर उनके कार्यालय ने विशेष ध्यान रखा है. इसमें मतदान केंद्रों पर रैंप, व्हीलचेयर, वॉलंटियर्स, ब्रेल मतदाता किट और साइन लैंग्वेज की सुविधा सहित जो लोग गंभीर विकलांगता के कारण मतदान केंद्रों पर नहीं आ सकते हैं, उनके लिए मतदान के दिन पिक एंड ड्रॉप की सुविधा व पोस्टल बैलट विकल्प शामिल हैं.

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जारी किया पीडब्ल्यूडी एप
इसके साथ ही लोगों को दिव्यांग जनों के लिए बनी पीडब्ल्यूडी एप के बारे में भी बताया गया, जिसके माध्यम से व्यक्ति अपना ईपिक नंबर लिखकर अपने को दिव्यांग जन की श्रेणी में दर्ज करवा सकता है. इससे उनकी समस्त जानकारी अपने आप उन्हें उपलब्ध हो जाएंगी. दृष्टि बाधित व्यक्तियों के लिए वॉयस एक्सेस और स्पीकिंग फीचर चुनने की सुविधा भी दी गई है, जिससे एप की पहुंच बढ़ी है.

जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
लोकसभा चुनाव में दिल्ली में जिन 30 विधानसभा क्षेत्रों में कम मतदान हुआ था, वहां के मतदाताओं की विधानसभा चुनाव में अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग ने विशेष जागरूकता अभियान शुरू किया है. दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. रणवीर सिंह ने विशेष जागरूकता अभियान की शुरुआत शनिवार को की थी, और उसी क्रम में कार्यक्रम के दूसरे दिन रविवार को चिड़ियाघर विनोद नगर और खिचड़ीपुर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए.

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नुक्कड़ नाटकों का मंचन
आयोग की तरफ से जारी बयान के अनुसार, जागरूकता अभियान के तहत मतदाता भागीदारी और ईवीएम/वीवीपीएटी के विषयों पर केंद्रित नुक्कड़ नाटकों का मंचन किया गया. इसके अलावा अधिकारियों/कर्मचारियों ने खिचड़ीपुर और विनोद नगर क्षेत्र में घर-घर जाकर मतदान हेतु लोगों को जागरूक किया. मतदाताओं को इस अभियान से जोड़ने के हिसाब से एक प्रश्नोत्तरी सत्र का भी आयोजन किया गया, जिसमें चुनावी प्रक्रिया और कार्यक्रम से संबंधित विभिन्न प्रश्न पूछे गए.

हेल्पलाइन मोबाइल नंबर जारी
बयान में कहा गया है कि लोगों को मतदाता हेल्पलाइन मोबाइल नंबर 1950 पर शिकायतें और समस्याओं को दर्ज करवाने की जानकारी दी गई. अधिकारियों ने मोबाइल एप सी विजिल और मोबाइल एप वोटर हेल्पलाइन के बारे में भी बताया. मोबाइल एप सी विजिल में कोई भी व्यक्ति आचार संहिता के उल्लंघन के बारे में जानकारी दर्ज करवा सकता है, जबकि मोबाइल एप वोटर हेल्पलाइन एप से चुनाव संबंधी जानकारी उपलब्ध है.