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अलका लांबा बोलीं- 2020 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली को मिलेगी एक और शीला दीक्षित

दिल्ली की चांदनी चौक सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अलका लांबा ने शुक्रवार को कहा कि इस विधानसभा चुनाव से दिल्ली को ‘एक और शीला दीक्षित’ मिलने जा रही है.

Updated on: 24 Jan 2020, 09:55 PM

दिल्ली:

दिल्ली की चांदनी चौक सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अलका लांबा ने शुक्रवार को कहा कि इस विधानसभा चुनाव से दिल्ली को ‘एक और शीला दीक्षित’ मिलने जा रही है. आम आदमी पार्टी छोड़कर पिछले साल कांग्रेस का दामन थामने वाली 44 वर्षीय लांबा ने दावा किया कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में एकतरफा मुकाबला देखने को मिलेगा क्योंकि आप को लोगों को यह समझाने में मुश्किल होगी कि उसने किसी ऐसे व्यक्ति को मैदान में क्यों उतारा है, जिन्हें उसने 2015 में ‘भ्रष्ट’ कहा था.

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आप ने प्रह्लाद सिंह साहनी को मैदान में उतारा है, जो इसी सीट से 2015 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे और तीसरे स्थान पर रहे थे. चुनावी राजनीति में महिला प्रतिनिधियों की कम संख्या पर लांबा ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा उचित प्रतिनिधित्व पर ध्यान दिया है और इस बार पार्टी ने 10 महिलाओं को मैदान में उतारा है. आप और भाजपा ने क्रमश: नौ और पांच महिलाओं को मैदान में उतारा है.

यह पूछे जाने पर कि क्या कोई तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कद तक पहुंच सकता है, तो लांबा ने इसपर पूरे विश्वास से कहा कि 2020 का चुनाव दिल्ली को एक और शीला दीक्षित देगा. इस चुनाव में कांग्रेस पर वंशवादी राजनीति करने और पार्टी के प्रमुख नेताओं के परिवार के सदस्यों को टिकट देने के आरोप पर, उन्होंने कहा कि यह सच नहीं है. पूर्व सांसद जय प्रकाश अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल चांदनी चौक से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने यह सोचकर मुझे यहां से उतारा कि मैंने 25 साल तक जमीन पर काम किया है.

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी से विधायक रह चुकी अलका लांबा ने पिछले दिनों दिल्ली गेट के पास डिलाइट सिनेमा हॉल पर एसिड अटैक के ऊपर बनी फिल्म छपाक का शो स्टूडेंट्स को फ्री में दिखाने के साथ-साथ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि दीपिका के जेएनयू जाने पर कुछ संगठनों ने फिल्म को नहीं चलने की धमकी दी, साथ ही दीपिका की आलोचना करने लगे.

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दूसरी ओर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जामिया और जेएनयू में हुए पूरे घटनाक्रम के बीच बिल्कुल खामोश नजर आए, वह एक बार भी स्टूडेंट के बीच नहीं गए. केजरीवाल और दीपिका की फिल्म का विरोध करने वालों की आंखें खोलने के लिए ही उन्होंने फिल्म की फ्री स्क्रीनिंग रखी है. यह एसिड अटैक के खिलाफ समाज को जागरूक करने के लिए बनाई गई फिल्म है. अगर कोई कहता है कि यह राजनीतिक स्टंट है तो वह कुछ नहीं कह सकती.