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छत्तीसगढ़ कांग्रेस को चुनाव से पहले तगड़ा झटका, विधायक रामदयाल उइके बीजेपी में शामिल

ऐन चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. विधायक रामदयाल उइके ने हाथ का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थामा है.

Updated on: 13 Oct 2018, 12:19 PM

रायपुर:

ऐन चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पाली तानाखार से विधायक रामदयाल उइके ने हाथ का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थामा है. मुख्यमंत्री रमन सिंह के सामने शनिवार को वह भाजपा में शामिल हो गए. रामदयाल के बीजेपी में शामिल होने पर मुख्यमंत्री रमना सिंह ने कहा कि नवरात्रि में शामिल होना चौथी बार सरकार बनाने का संकेत है. राम दयाल उइके के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को आदिवासी समाज का सपोर्ट मिलेगा. उइके से टिकट को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है. 

रामदयाल उइके कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष थे. वह आज भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सामने पार्टी की सदस्यता लेंगे. उइके ने अजीत जोगी के लिए वर्ष 2000 में मरवाही की सीट छोड़ी थी.रामदयाल उइके 4 बार विधयाक रहे है. अजीत जोगी ने उन्हें बीजेपी से कांग्रेस में शामिल कराया था. अब वह मरवाही से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं.

बता दें कि कांग्रेस विधायक रामदयाल उइके ने बीजेपी सरकार पर मंहगी शराब बेचने का आरोप लगाया था. रामदयाल ने कहा था क़ि ठेकेदार शराब बेच रहे हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार शराब क्यों बेच रही है? वे 600 की शराब की बोतल 1000 में बेच रहे हैं। महँगी शराब बेचकर कमाए गए रूपये चुनाव के दौरान घरों में बांटे जाएंगे। शराब की खाली बोतलें घर पर रखें और जब बीजेपी के नेता आएं तो उनके सिर पर ये खाली बोतलें मारें।

दो चरणों में है चुनाव

छत्तीसगढ़ की नक्सल प्रभावित 18 सीटों पर पहले चरण में 12 नवंबर को मतदान होगा. इसके लिए 16 अक्तूबर को अधिसूचना जारी की जायेगी. नामांकन की अंतिम तारीख 23 अक्तूबर होगी. इसके अगले दिन यानी 24 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी, जबकि नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 26 अक्तूबर तय की गयी है.

वहीं दूसरे चरण में राज्य की शेष 72 सीटों के लिए अधिसूचना 26 अक्तूबर को जारी की जायेगी. नामांकन की अंतिम तिथि 2 नवंबर, नामांकन पत्रों की जांच 3 नवंबर और नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 5 नवंबर तय की गयी है. इन सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होगा.

90 सीटों वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा में 2013 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 49, कांग्रेस को 39, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 1 और अन्य को 1 सीटें मिली थीं. वहीं इन पांच सालों में हुए 1 उपचुनाव में बीजेपी ने ही जीत हासिल की थी. पिछले चुनाव में कांग्रेस को भी काफी सीटें मिली थी इसलिए इस बार का चुनाव काफी महत्वपूर्ण होने वाला है.

छत्तीसगढ़ विधानसभा का कार्यकाल अगले साल पांच जनवरी को खत्म होने जा रहा है. पिछले 15 सालों से राज्य की सत्ता संभाल रहे मुख्यमंत्री रमन सिंह के लिेए बसपा और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के गठबंधन से बड़ी चुनौती मिलने की संभावना है.