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Chhattishgarh: भूपेश बघेल के मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं ये चेहरे, जानें किसको मिलेगा मंत्री पद

पिछले 15 साल के वनवास के बाद कांग्रेस को मिली बंपर सफलता ने एक बार फिर पार्टी में जान फूंक दी है.

Updated on: 17 Dec 2018, 10:49 AM

नई दिल्‍ली:

टीएस सिंहदेव ः सरगुजा संभाग से इस बार 14 सीटें जिताने में कारगर रणनीति बनाई. इनकी अगुवाई में बनाया गया घोषणा-पत्र ही कांग्रेस की जीत का आधार बना. छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव उर्फ़ टीएस बाबा को कांग्रेस से मुख्यमंत्री (exit poll 2018) पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. TS बाबा ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में रमन सरकार खिलाफ लगातार आक्रामक रहे. TS बाबा 6 फीट लंबे हैं और उनकी छवि एक मृदुभाषी नेता के रूप में है.वह रक्सेल 117वें उत्तराधिकारी हैं. सरगुजा के राजपरिवार से आने वाले TS सिंहदेव छत्तीसगढ़ के सबसे अमीर विधयक हैं.

ताम्रध्वज साहूः ताम्रध्वज साहू ने भारतीय जनता पार्टी के जागेश्‍वर साहू को 27112 मतों से हराया. मुख्यमंत्री की दौड़ में रहे ओबीसी वर्ग के कद्दावर नेता. मंत्रिमंडल में जगह देकर उनकी नाराजगी दूर की जा सकती है. सांसद का पद छोड़कर विधायक चुनाव लड़ा.

चरणदास महंत ः  पूर्व केंद्रीय मंत्री के रूप में प्रशासनिक अनुभव. चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष रहे. एमपी में गृहमंत्री का अनुभव. इन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने के भी संकेत हैं.

अरुण वोराः दुर्ग शहर दुर्ग शहर से अरुण वोरा 64981 वोट पाकर बीजेपी के चन्द्रिका चन्द्राकर को 21081 मतों से हराने में सफल हुए. अरुण वोरा भी तजुर्बेकार विधायक हैं. हाईकमान के सबसे करीबी राष्ट्रीय महामंत्री प्रशासन मोतीलाल वोरा के बेटे हैं. सौम्य छवि है.

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सत्यनारायण शर्मा ः अनुभवी विधायक, दिग्विजय सिंह और अजीत जोगी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. मिलनसार व्यक्तित्व के चलते शर्मा का स्पीकर को तौर पर भी नाम लिया जा रहा है.

रविंद्र चौबे ः जनसंपर्क, पीडब्लूडी विभागों के कामकाज का अच्छा अनुभव रहा है. उनके संसदीय ज्ञान और तजुर्बे के चलते विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर भी नाम चर्चा में है.

धनेन्द्र साहूः पार्टी के वरिष्ठ नेता. अजीत जोगी की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. पीसीसी अध्यक्ष भी रहे. प्रदेश में सियासी तौर पर शक्तिशाली माने जाने वाले साहू समाज से जनप्रतिनिधि हैं.

शिव डहरियाः सतनामी समाज से अनुभवी विधायक. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं, इसलिए दावेदारी.

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अमरजीत भगतः तेजतर्रार आदिवासी नेता. सरगुजा संभाग में 14 में से सभी 14 सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है.

खेलसाय सिंहः अनुभवी विधायक खेलसाय सिंह भी सरगुजा संभाग से हैं. मंत्रिमंडल के लिए मजबूत दावेदारी.

लखेश्वर बघेलः दूसरी बार विधायक. आदिवासी समाज में अच्छी पकड़. साफ-स्वच्छ छवि, मिलनसार व्यक्तित्व.

मोहम्मद अकबरः पार्टी का अल्पसंख्यक चेहरा. अनुभवी विधायक. 36320 वोट पाकर इन्‍होंने बीजेपी के अशोक साहू को 59284 मतों से हराया.मुख्यमंत्री के गृहनगर यानी कवर्धा से सर्वाधिक वोटों के अंतर से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाया. इनकी दावेदारी भी मजबूत है.

उमेश पटेलः  युवा चेहरा. स्व. नंदकुमार पटेल के बेटे हैं. हाईप्रोफाइल प्रत्याशी ओपी चौधरी को पराजित किया.

प्रेमसाय टेकामः जोगी सरकार में कृषि मंत्री. 6 बार के विधायक. सरगुजा में सक्रिय विधायक. आदिवासी समाज में पकड़.

अनिला भेड़ियाः  डौण्डीलोहारा अनिला भेंडिया ने 67448 मत पाकर लाल भारतीय जनता पार्टी के महेन्द्र सिंह टेकाम को 33103 मतों से हराया.  यह लगातार दूसरी बार जीतीं. आदिवासी समाज से आती हैं. मंत्री पद के लिए दावेदारी.

कवासी लखमाः लखमा लगातार चौथी बार विधायक बनकर आए हैं. कोन्टा से कवासी लखमा 31933 वोट पाकर बीजेपी के धनीराम बारसे को इस बार 6709 मतों से हराया. घोर नक्सल प्रभावित इलाके से आते हैं. सदन में आक्रामक नेता की छवि. वर्तमान में उपनेता प्रतिपक्ष.

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अमितेष शुक्लः अनुभवी नेता. जोगी सरकार में मंत्री रह चुके हैं. शुक्ल परिवार के सदस्य. राजिम से अमितेश शुक्ल ने 99041 वोट प्राप्‍त किया और बीजेपी के संतोष उपाध्याय 58132 को मतों से हराया.. पार्टी आलाकमान से बेहतर संबंध.