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Asian Games 2018: कोच जसपाल राणा ने खोला सौरभ चौधरी के गोल्ड जीतने का राज

भारत के शूटिंग स्पर्धा इतिहास में यह भारत को मिलने वाला एशियन गेम्स का पांचवां गोल्ड मेडल था। सौरभ ने महज तीन साल पहले ही शूटिंग में हाथ आजमाना शुरू किया है।

Updated on: 22 Aug 2018, 10:51 AM

नई दिल्ली:

एशियन गेम्स की शूटिंग स्पर्धा में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले मेरठ के सौरभ चौधरी के घर में जश्न का माहौल है। कलिना के रहने वाले सौरभ का मुकाबला एशियन गेम्स के पूर्व चैंपियन मात्सुदा से था। आखिरी राउंड में जब जापानी खिलाड़ी तोमोयुकी मात्सुदा ने अपना सेकंड लास्ट शॉट 8.9 का मारा तो 16 वर्षीय सौरभ ने संयम बना कर रखा।
सौरभ ने बिना कोई मौका गंवाए 10.2 और 10.4 का स्कोर कर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। सौरभ बचपन से भले ही गणित में कमजोर रहे हों लेकिन इरादों में पूरी मजबूती दिखाई।

इस जीत के साथ सौरभ एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले वह सबसे युवा भारतीय बन गए। भारत के शूटिंग स्पर्धा इतिहास में यह भारत को मिलने वाला एशियन गेम्स का पांचवां गोल्ड मेडल था। सौरभ ने महज तीन साल पहले ही शूटिंग में हाथ आजमाना शुरू किया है।

इससे पहले आईएसएसएफ जूनियर वर्ल्डकप 2018 में सौरभ चौधरी ने 10 मीटर एयर पिस्टल जूनियर में देवांशी राणा के साथ मिलकर देश के लिए गोल्ड जीता था। मिक्सड में दोनों निशानेबाजों ने 478.9 स्कोर कर यह स्वर्ण पदक जीता था।

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इतना ही नहीं सौरभ ने अनमोल और अभिषेक आर्य के साथ मिलकर इसी प्रतियोगिता के 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा इवेंट में 1730 अंक के साथ स्वर्ण पदक जीता था।
गन्ना किसान के बेटे सौरभ के अनुसार उन्होंने शूटिंग में करियर बनाने की शुरुआत पढ़ाई से बचने के लिए की थी।

सौरभ कहते हैं, 'मैं पढ़ाई में बहुत अच्छा नहीं था और कभी इसमें मेरा मन नहीं लगा। मैं कुछ ऐसा करना चाहता था, जिससे मैं प्यार करता था और शूटिंग में कुछ ऐसा था, जिसने मेरा ध्यान खींचा।'

वहीं सौरभ के कोच जसपाल राणा के अनुसार इस गोल्ड का सारा श्रेय सौरभ की मेहनत को जाता है। विश्व और ओलंपिक चैंपियन के सामने मुकाबला करना और गोल्ड ले जाना बड़ी बात है।

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जसपाल ने कहा, ‘सौरभ बहुत शांत और रिजर्व है। ज्यादा बातें नहीं करता। मोबाइल से दूर रहता है। यही शूटिंग का प्लस पॉइंट है। प्रैक्टिस शुरू होने से पहले शूटिंग रेंज में पहुंच जाता है।’