Sri Krishna Janmashtami 2018: मदन मोहनजी मंदिर जहां स्थित है 3 और 2 फिट ऊंची कृष्ण-राधा की मूर्ति
मंदिर की वास्तुकला के सौंदर्य को गर्भगृह, चौक और यहां के विशाल जगमोहन में दर्शाया गया है।
नई दिल्ली:
लीलाधर कृष्ण के तीन विग्रहों में से एक हैं मदन मोहनजी और ये मंदिर राजस्थान के करौली में मौजूद है। इस मंदिर को महाराजा गोपाल सिंह ने बनवाया था। कहा जाता हैं कि दौलताबाद को जीतने के बाद महाराजा गोपाल सिंह ने भगवान श्री कृष्ण को अपने सपने में देखा था। इस सपने में भगवान ने राजा को अपना मंदिर बनवाने का निर्देश दिया था। इसके बाद महाराजा गोपाल सिंह ने अजमेर से भगवान की मूर्ति मंगवाई और उसे इस मंदिर में स्थापित करवाया।
मंदिर के निर्माण में करौली के पत्थरों का इस्तेमाल हुआ है जिसकी वास्तुकला बेहद आकर्षक है। यहां मंदिर के गर्भगृह के चक्करदार पथ पर चित्रकारी की गई है। मंदिर की वास्तुकला के सौंदर्य को गर्भगृह, चौक और यहां के विशाल जगमोहन में दर्शाया गया है।
बताया जाता है कि इस मंदिर में भगवान मदनमोहन के वहीं चरणकमल हैं जिसके बारे में कृष्ण की बहू ने कहा था कि ये हूबहू भगवान कृष्ण के पैरों से मेल खाते हैं। इस मंदिर में भगवान कृष्ण और देवी राधा की 2 मूर्तियां हैं जो 3 और 2 फीट उंची हैं।
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यहां जन्माष्टमी, राधा अष्ठमी, गोपष्ठमी और हिंडोला के दौरान भक्तों का जमावड़ा लगता है। अमावस्या पर स्थानीय लोगों के अलावा दूर दराज से आए भक्तों के लिए मेले का आयोजन किया जाता है।