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Sri Krishna Janmashtami 2018: जानिए कृष्ण के गोपीनाथ मंदिर कि विशेषता, जहां उमड़ता है भक्तों का सैलाब

गोपीनाथ जी के विग्रह को कृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने गोविंददेव और मदनमोहन के साथ ही बनाया था।

News Nation Bureau
| Edited By :
03 Sep 2018, 11:18:35 PM (IST)

नई दिल्ली:

जयपुर की पुरानी बस्ती में गोपीनाथ मंदिर स्थित है। जिसमें भगवान कृष्ण का विग्रह भुजाओं और वक्षस्थल के रूप में मौजूद है जयपुर के गोविंददेव और करौली के मदनमोहन के समान ही गोपीनाथजी में भक्तों की गहरी आस्था है। जन्माष्टमी के मौके पर कृष्ण भक्तों का जमावड़ा सैलाब बनकर उमड़ता है। पुराणों में श्रीकृष्ण के तीन विग्रहों में से एक गोपीनाथ जी का जिक्र है। इनकी भुजाएं और वक्षस्थल श्रीकृष्ण के समान ही सुडौल माने जाते हैं।

गोपीनाथ जी के विग्रह को कृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने गोविंददेव और मदनमोहन के साथ ही बनाया था।

बताया जाता है कि श्रीकृष्ण की ये आकर्षक मूर्ति संत परमानंद को यमुना किनारे वंशीघाट पर मिली और उन्होंने इस मूर्ति को निधिवन के समीप विराजित कर इसकी सेवा की जिम्मेदारी मधु गोस्वामी को सौंप दिया था। बाद में गोपीनाथ जी को वृंदावन से जयपुर लाकर इसकी स्थापना की गई।

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पिछले कुछ सालों से गोपीनाथ जी की मान्यता काफी बढ़ गई है। तीज त्योहार के अलावा भी आम दिनों में भक्तों की तादाद काफी रहती है और जन्माष्टमी के मौके पर यहां अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।