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गणेश चतुर्थी 2018: गौरी पुत्र गणपति को ला रहे है घर तो ध्यान रखें इन बातों का

गणेश जी की मूर्ति के पास तांबे या चांदी के कलश में जल भरकर रखें। इस बात का ध्यान रखें कि कलश गणपति जी के दाईं तरफ होना चाहिए।

News Nation Bureau
| Edited By :
12 Sep 2018, 11:49:02 PM (IST)

नई दिल्ली:

13 सितंबर से गणपति बप्पा अपने भक्तों पर कृपा बरसाने आ रहे है। गणेश चतुर्थी को लेकर पूरे देश में तैयारियां जोरों पर है। गणेश चतुर्थी का यह त्योहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है लेकिन महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी पर एक ओर जहां पंडालों में गौरी पुत्र गणेश की बड़ी-बड़ी प्रतिमा की स्थापना करते है वहीं दूसरी ओर भक्त अपने घरों में भी गजानन को विराजमान करते है। अगर आप भी अपने घर में गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करना चाहते हैं तो इन बातों का विशेष ख्याल रखें।

पूजा से पहले लें ये संकल्प

पूजा का संकल्प लेकर ही इसकी शुरुआत करें। मूर्ति की स्थापना करने के बाद दाएं हाथ में चावल और गंगाजल लेकर संकल्प करें। इसमें यह निश्चित कर लें कि आप गणपति जी को कितने दिनों कर विराजित करना चाहते हैं। तीन,पांच,सात,नौ या फिर 11 दिन। जितने दिन गणपति जी स्थापित रहेंगे पूजा नियम से होनी जरूरी है।

सही जगह पर रखें पूजा सामग्री

गणेश जी की मूर्ति के पास तांबे या चांदी के कलश में जल भरकर रखें। इस बात का ध्यान रखें कि कलश गणपति जी के दाईं तरफ होना चाहिए। कलश पर मौली जरूर बांधे और इसके नीचे थोड़े चावल रखें। हर रोज पूजा का समय निश्चित होना बहुत जरूरी है।

गणेश मंत्र का उच्चारण शुभ

भगवान जी को सारी सामग्री चढ़ाने और पूजा करने के बाद आरती करें और गणेश मंत्र का उच्चारण करें।

'वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे दे सर्व कार्येषु सर्वदा।।'

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मान्यता के अनुसार श्री गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था। इसीलिए हर साल इस दिन गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनाई जाती है। भगवान गणेश के जन्म दिन के उत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन, भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है।