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भगोड़े विजय माल्या ने कहा- वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलकर कहा था, लंदन जा रहा हूं

भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपये लेकर फरार शराब कारोबारी विजय माल्या के भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात वाले बयान के बाद देश में राजनीतिक घमासान तेज हो गया है।

News Nation Bureau
| Edited By :
12 Sep 2018, 10:02:34 PM (IST)

लंदन:

भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपये लेकर फरार शराब कारोबारी विजय माल्या के भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात वाले बयान के बाद देश में राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। एक तरफ केंद्र सरकार इसे लेकर घिरती दिख रही है वहीं विजय माल्या ने भी अरुण जेटली से मुलाकात पर फिर से सफाई दी। लंदन की वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर विजय माल्या ने अरुण जेटली से मुलाकात के बयान पर भारतीय मीडिया को सफाई देते हुए कहा, 'मैंने संसद में अरुण जेटली से मुलाकात की थी और मैंने उन्हें का था कि मैं लंदन जा रहा हूं, मैं बैंकों के साथ लोन विवाद सेटलमेंट करना चाहता हूं। क्या वह बातचीत की सुविधा करवाएंगे? मेरी उनके साथ कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई थी। मैं भारत से रवाना हुआ क्योंकि मेरी जिनिवा में एक मुलाकात का कार्यक्रम था। मैंने उनसे बैंकों के साथ सेटलमेंट करने की पेशकश बात दोहराई थी, मैं अक्सर उनसे संसद में मिला करता था।

विजय माल्या से जब पूछा गया कि वह लंदन रवाना होने से पहले किसी बीजेपी नेता से मिले थे तो उन्होंने कहा, 'लंबे समय तक, मैंने संसद में कई साथियों से मुलाकात की थी और बैंकों के साथ सेटलमेंट करने की अपनी इच्छा जाहिर की थी। मैं इससे ज्यादा जानकारी नहीं दे सकता।'

कोर्ट के बाहर जब विजय माल्या से पूछा गया कि क्या देश छोड़ने के लिए किसी ने आगाह किया था तो उन्होंने कहा, 'मैं आपको सुनिश्चित कर सकता हूं कि किसी ने मुझे आगाह नहीं किया था। भागने की कोई जरूरत नहीं थी और यह सभी आरोप मीडिया के द्वारा बनाए गए आरोप हैं।'

इससे पहले कोर्ट पहुंचने से पहले माल्या ने कहा था कि वह भारत छोड़ने से पहले मामले के निपटारे के लिए वित्त मंत्री से मुलाकात की थी। माल्या ने कहा कि बैंक ने मेरे सेटलमेंट के पत्र पर आपत्ति दायर की थी।

माल्या के दावे पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि उनकी माल्या से कोई औपचारिक मुलाकात नहीं हुई थी। जेटली ने कहा कि यह बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है और यह सच को जाहिर नहीं करता है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद मैंने उन्हें मिलने का समय कभी नहीं दिया इसलिए मेरे साथ उनकी मुलाकात का कोई सवाल ही नहीं उठता है। बता दें कि बुधवार को लंदन में वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर विजय माल्या ने दावा किया कि उसने भारत छोड़ने से पहले मामले के निपटारे के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी।

अरुण जेटली ने माल्या के दावों को खारिज कर एक बयान जारी करते हुए कहा, 'हालांकि वह राज्य सभा के सदस्य थे और कभी-कभी सदन में आते थे तो एक बार जब मैं सदन से अपने कमरे के लिए निकल रहा था तो उसने विशेषाधिकार का गलत उपयोग किया। वे तेजी से आगे बढ़े और चलते हुए एक वाक्य कहा कि 'मैं समझौते के लिए ऑफर कर रहा हूं।''

जेटली ने कहा कि चूंकि वह उनके पहले के झूठे वादों को जानते थे, 'इसलिए मैंने उन्हें आगे बातचीत करने की इजाजत नहीं दी। मैंने उनसे कहा कि मुझसे बातचीत करने का कोई मतलब नहीं है और उसे अपने ऑफर को बैंकों को देना चाहिए। मैंने उनके हाथ में पकड़े पेपर तक को नहीं लिया था। इस एक वाक्य की बातचीत के अलावा कभी मिलने का समय नहीं दिया। इसलिए उनसे मेरी मुलाकात का कोई सवाल ही नहीं उठता है।'

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2 मार्च 2016 को देश से फरार हो चुके माल्या अभी लंदन में रह रहे हैं। बता दें कि माल्या पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) समेत देश के कुल 13 बैंकों का करीब 9,000 करोड़ रुपये बकाया है। वे भारतीय अदालतों और जांच एजेंसियों द्वारा विभिन्न मामलों के मुकदमे में पेश होने के समन के बावजूद लंदन में हैं।

लंदन की वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट अदालत विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर 10 दिसंबर को अपना फैसला सुनाएगी। माल्या ने कहा कि वे बैंक में कर्ज को चुकाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन बैंक उनकी मदद नहीं कर रहे हैं।

अपने प्रत्यर्पण से जु़ड़े मामले में अदालत में पहुंचते हुए विजय माल्या ने बुधवार को कहा, 'मैं एक राजनीतिक फुटबॉल हूं। जहां तक मेरा सवाल है, मैंने कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष समग्र अदायगी प्रस्ताव दिया है। मुझे उम्मीद है कि सम्मानीय न्यायाधीश इस पर ध्यान देंगे।' यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपने बकाए राशि को चुकाएंगे? माल्या ने कहा, 'निश्चित तौर पर, इसलिए समाधान प्रस्ताव दिया गया है।'

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माल्या के वकील ने दावा किया कि आईडीबीआई बैंक के अधिकारियों को कर्ज में डूबे किंगफिशर एयरलाइन्स के नुकसान के बारे में पूरी जानकारी थी। माल्या के वकील ने कहा कि आईडीबीआई बैंक के अधिकारियों के ईमेल दिखाते हैं कि विजय माल्या पर नुकसान को छुपाने के सरकार के आरोप आधारहीन है।

माल्या के वकील ने कहा, 'इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि माल्या या किंगफिशर ने बैंक लोन के लिए बुरे उद्देश्य के साथ अप्लाई किया था।' एयरलाइंस अब बंद हो चुकी है। माल्या को प्रत्यर्पण वारंट पर इस साल अप्रैल में स्कॉटलैंड यार्ड के द्वारा गिरफ्तार भी किया गया था। किंगफिशर एयरलाइन के 62 वर्षीय प्रमुख माल्या अप्रैल में जारी प्रत्यर्पण वारंट के बाद से जमानत पर है।