.

विजय माल्या के खुलासे पर राहुल गांधी ने अरुण जेटली से मांगा इस्तीफा, कहा- पीएम स्वतंत्र जांच कराएं

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए पीएम से इन आरोपों पर निष्पक्ष जांच कराने और अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग कर दी है।

News Nation Bureau
| Edited By :
12 Sep 2018, 11:51:05 PM (IST)

नई दिल्ली:

देश छोड़ने से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ मुलाकात को लेकर शराब कारोबारी विजय माल्या के बयान पर देश में राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग कर दी है। लंदन में विजय माल्या ने बताया कि देश छोड़ने से पहले उन्होंने अरुण जेटली से मुलाकात की थी और उन्हें यह बताया था।

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'लंदन में आज विजय माल्या की ओर से बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं, प्रधानमंत्री को इस मामले में जल्द एक स्वतंत्र जांच का आदेश देना चाहिए। जांच पूरी होने तक अरुण जेटली को वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा देना चाहिए।'

बता दें कि लंदन की वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर विजय माल्या ने भारतीय मीडिया को सफाई देते हुए कहा, 'मैंने संसद में अरुण जेटली से मुलाकात की थी और मैंने उन्हें का था कि मैं लंदन जा रहा हूं, मैं बैंकों के साथ लोन विवाद सेटलमेंट करना चाहता हूं। क्या वह बातचीत की सुविधा करवाएंगे? मेरी उनके साथ कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई थी। मैं भारत से रवाना हुआ क्योंकि मेरी जिनिवा में एक मुलाकात का कार्यक्रम था। मैंने उनसे बैंकों के साथ सेटलमेंट करने की पेशकश बात दोहराई थी, मैं अक्सर उनसे संसद में मिला करता था।'

विजय माल्या के इस बयान के बाद केंद्र सरकार पूरी तरह घिर गई है। वहीं विपक्षी पार्टियां भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई है।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'माल्या द्वारा उसके आराम से विदेश भागने से पहले 'राजकोषीय कुप्रबंधन ब्लॉग मंत्री' के साथ समझौता बैठक के खुलासे के बाद एक बात स्पष्ट हो गई है कि बीजेपी 'लूट, स्कूट और विदेश में बसने वाली' ब्रिगेड के लिए 'दौरे, यात्रा और आप्रवसन' की एजेंसी चला रही है।'

After Mallya reveals his ‘consultation meetings’ before his smooth escape, with Fiscal Mismanagement Blog Minister Sh Jaitley - one thing is clear - BJP is running “tour travels & immigration” agency for “loot scoot & settle abroad” brigade. https://t.co/n39NfDw0rS

— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 12, 2018

रणदीप सुरजेवाला ने एक और ट्वीट में कहा, ''भगौड़ो का साथ, लुटेरों का विकास' भाजपा का एकमात्र लक्ष्य है। मोदी जी, छोटा मोदी #1,छोटा मोदी #2, 'हमारे मेहुल भाई', अमित भटनागर जैसों को देश के करोड़ों लुटवा, विदेश भगा दिया। विजय माल्या, तो श्री अरुण जेटली से मिल, विदाई लेकर, देश का पैसा लेकर भाग गया है? चौकीदार नहीं,भागीदार है!'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने वित्त मंत्री को घेरते हुए सवाल किया, 'बैंकों को लूटने के बाद विजय माल्या फरार हो गया। सरकार के पास जानकारी थी। विजय माल्या के मामले पर वित्त मंत्री ने संसद पर बयान दिए। उन्हें इस मुलाकात के बारे में भी बताना चाहिए था।'

और पढ़ें : सिर्फ वित्त मंत्री अरुण जेटली ही नहीं बीजेपी के सभी नेताओं का विजय माल्या से हैं संबंध: यशवंत सिन्हा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अरुण जेटली पर सवाल उठाते हुए कहा, 'नीरव मोदी देश छोड़ने से पहले पीएम मोदी से मिलता है। विजय माल्या के देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री उससे मिलते हैं। इन बैठकों में क्या हुआ? लोग जानना चाहते हैं।'

अरुण जेटली ने दी सफाई

माल्या के दावे पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि उनकी माल्या से कोई औपचारिक मुलाकात नहीं हुई थी। जेटली ने कहा कि यह बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है और यह सच को जाहिर नहीं करता है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद मैंने उन्हें मिलने का समय कभी नहीं दिया इसलिए मेरे साथ उनकी मुलाकात का कोई सवाल ही नहीं उठता है।

अरुण जेटली ने माल्या के दावों को खारिज कर एक बयान जारी करते हुए कहा, 'हालांकि वह राज्य सभा के सदस्य थे और कभी-कभी सदन में आते थे तो एक बार जब मैं सदन से अपने कमरे के लिए निकल रहा था तो उसने विशेषाधिकार का गलत उपयोग किया। वे तेजी से आगे बढ़े और चलते हुए एक वाक्य कहा कि 'मैं समझौते के लिए ऑफर कर रहा हूं।''

और पढ़ें : कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने अमर्यादित भाषा का किया इस्तेमाल, पीएम मोदी को बताया अनपढ़-गंवार

जेटली ने कहा कि चूंकि वह उनके पहले के झूठे वादों को जानते थे, 'इसलिए मैंने उन्हें आगे बातचीत करने की इजाजत नहीं दी। मैंने उनसे कहा कि मुझसे बातचीत करने का कोई मतलब नहीं है और उसे अपने ऑफर को बैंकों को देना चाहिए। मैंने उनके हाथ में पकड़े पेपर तक को नहीं लिया था। इस एक वाक्य की बातचीत के अलावा कभी मिलने का समय नहीं दिया। इसलिए उनसे मेरी मुलाकात का कोई सवाल ही नहीं उठता है।'