पश्चिम बंगाल: कोलकाता के माझेरहाट पुल ढहने के बाद सिलिगुड़ी में भी गिरा पुल, एक घायल
पुलिस के मुताबिक, घटना उस समय हुई, जब ईंट लदी लॉरी फंसीदेवा ब्लॉक में पिचला नदी पर निर्मित पुल को पार कर रही थी।
नई दिल्ली:
कोलकाता में माझेरहाट पुल ढहने के तीन दिनों बाद पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में शुक्रवार को एक और पुल ढह गया। पुलिस ने कहाकि दुर्घटना में फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
पुलिस के मुताबिक, घटना उस समय हुई, जब ईंट लदी लॉरी फंसीदेवा ब्लॉक में पिचला नदी पर निर्मित पुल को पार कर रही थी।
इस घटना के बाद घटनास्थल पर पहुंचे उत्तर बंगाल के विकास मंत्री रबींद्रनाथ घोष ने दुर्घटना के लिए लॉरी चालक और सिलीगुड़ी महाकुमा परिषद को जिम्मेदार ठहराया है।
30 साल पुराने पुल को सिलीगुड़ी महाकुमा परिषद द्वारा बनाया गया था और इसकी देखरेख की जिम्मेदारी भी परिषद की थी।
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मंत्री ने कहा, 'लॉरी ड्राइवर को यह सोचना चाहिए था कि पुल भारी वाहन के भार को सहन करने में सक्षम है या नहीं। कई चालक लापरवाह होते हैं। यह घटना इसका उदाहरण है।'
मंत्री ने कहा, 'हमारे पंचायत प्रतिनिधियों ने बार-बार सिलीगुड़ी महाकुमा परिषद से पुल की मरम्मत कराने का आग्रह किया। लेकिन किसी ने भी उनके आग्रह पर ध्यान नहीं दिया।'
बता दें कि दक्षिण कोलकाता के माझेरहाट में पुल ढहने की दुर्घटना में मरने वालों की संख्या तीन हो गई है।
इस दुर्घटना में करीब 19 लोग घायल हुए और इनमें से ज्यादातर को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। दो लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राज्य सरकार ने मृतकों के प्रत्येक परिवारों को 5-5 लाख रुपये रुपये मुआवजा देने जबकि गंभीर रूप से घायल प्रत्येक व्यक्ति को एक-एक लाख रुपये देने की घोषणा की है।
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दुर्घटनास्थल का दौरा किया। दुर्घटना की जांच एक उच्च स्तरीय समिति करेंगी जिसकी अगुवाई राज्य के मुख्य सचिव मलय डे करेंगे। ममता ने कहा कि मंगलवार को 54 साल पुराने पुल के ढहने की घटना में मारे गए सौमेन बाग के परिवार को पहले ही मुआवजे का चेक भेजा चुका है।