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वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ बोले, भारतीय सीमा की सुरक्षा के लिए राफेल विमान की खरीदारी ज़रूरी

वायुसेना चीफ बीएस धनोआ ने डील का समर्थन करते हुए कहा कि देश की हवाई सीमाओं की सुरक्षा के लिए विमान की खरीदारी ज़रूरी है.

News Nation Bureau
| Edited By :
12 Sep 2018, 01:10:43 PM (IST)

नई दिल्ली:

राफेल डील को लेकर कांग्रेस द्वारा किए जा रहे हमले के बीच वायुसेना ने मोदी सरकार का बचाव किया है. वायुसेना चीफ बीएस धनोआ ने डील का समर्थन करते हुए कहा कि देश की हवाई सीमाओं की सुरक्षा के लिए विमान की खरीदारी ज़रूरी है. बीएस धनोआ ने मोदी सरकार के इस क़दम को भारतीय वायुसेना को मज़बूती देने के लिए बेहद ज़रूरी क़दम बताया है.

धनोआ ने कहा, 'राफेल और S-400 के जरिए सरकार वायुसेना को मजबूत बनाने का काम कर रही है.'

चीफ ने कहा, 'भारतीय वायुसेना के पास स्वीकृत स्क्वॉड्रन की संख्या 42 है लेकिन हमारे पास केवल 31 स्क्वॉड्रन ही मौजूद है. उन्होंने कहा कि 42 की संख्या होने पर भी यह पर्याप्त नहीं होगा क्योंकि हमारे दोनों (चीन और पाकिस्तान) क्षेत्रीय विरोधी देश के पास ज़्यादा स्क्वॉड्रन है.' उन्होंने कहा, 'पिछले एक दशक में चीन ने भारत से लगे स्वायत्त क्षेत्र में रोड, रेल और एयरफील्ड का तेजी विस्तार किया है.'

इससे पहले भारतीय वायुसेना के वाइस चीफ एयर मार्शल शिरीष बाबन देव ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जो लोग विमान के खिलाफ बोल रहे हैं, उन्हें फ्रांस की दसां एविएशन द्वारा विनिर्मित इस उन्नत विमान के बारे में जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, 'वास्तव में मुझे टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, लेकिन मैं आप से कह सकता हूं..ये सभी चर्चा और राफेल के बारे में जो भी बातें कही जा रही हैं, ये सब इसलिए क्योंकि हमें इस बारे में ढेर सारी जानकारी है कि सबकुछ कैसे हुआ. हमें लगता है कि लोगों को जानकारी नहीं है.'

वाइस चीफ ने कहा, 'और आप जानते हैं कि मुझे बोलना नहीं चाहिए. मैं जानकारी देने के लिए अधिकृत नहीं हूं. इसलिए हम सिर्फ गोलमटोल बता रहे हैं. और इस तरह की चीजें नहीं हैं, हम विमान के आने का इंतजार कर रहे हैं. यह एक सुंदर विमान है. बहुत सक्षम विमान है और इसमें वह दक्षता है, जिसकी हमें तत्काल आवश्यकता है.' थोड़ा विस्तार से बताने का आग्रह करने पर वाइस चीफ ने कहा कि उन्हें जितना कहना था, कह दिया. उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि मैंने खुद को बिल्कुल स्पष्ट कर दिया. आपको अब डीपीपी जाननी है, ऑफसेट के बारे में जानना है और जैसी चीजें हैं उसके बारे में जानना है.'

बता दें कि राफेल दो इंजिन वाला एक बहुभूमिका वाला लड़ाकू विमान है, जो कथित तौर पर एक ही मिशन में हवाई रक्षा और जमीन पर हमले करने में सक्षम है.

ज़ाहिर है कि राफेल के बारे में यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर इस रक्षा सौदे में वित्तीय अनियमितता में संलिप्त होने का आरोप लगा रही है. भारत ने फ्रांस के साथ सितंबर 2016 में 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए एक अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इन विमानों की कुल कीमत लगभग 58,000 करोड़ रुपये है. विमानों की आपूर्ति सितंबर 2019 से शुरू होनी है.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का आरोप है कि इन लड़ाकू विमानों की खरीद के सौदे से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है, क्योंकि संप्रग सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की तुलना में विमानों की काफी कम कीमत तय की थी.