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डीयू के 21 कॉलेजों को यूजीसी की चेतावनी, कॉलेज नियुक्त करें स्थायी प्रिंसिपल

यह देखा गया है कि कई कॉलेजों ने स्थायी प्रिंसिपल की नियुक्ति के लिए एमएचआरडी / यूजीसी के निर्देशों का पालन नहीं किया है

News Nation Bureau
| Edited By :
27 Aug 2018, 06:36:07 PM (IST)

नई दिल्ली:

यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग (यूजीसी) के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन ने दिल्ली विश्वविद्यालय के तहत आने वाले 21 कॉलेजों को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगर वह स्थायी प्रिंसिपल नियुक्त नहीं करते हैं तो उनके वित्तीय अनुदान को रोक दिया जाएंगे।

यूजीसी की ओर से 13 अगस्त को जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि 'नए अपडेट के अनुसार, यह देखा गया है कि कई कॉलेजों ने स्थायी प्रिंसिपल की नियुक्ति के लिए एमएचआरडी / यूजीसी के निर्देशों का पालन नहीं किया है। अधिकतर कॉलेजों में संबंधित शासकीय निकायों में साक्षात्कार नहीं आयोजित किए गए हैं। यह दिखाता है कि कॉलेज के संबंधित अधिकरी और विभाग कॉलेज में प्रशासनिक और शैक्षणिक वातावरण को मजबूत बनाने को लेकर कितने प्रतिबद्ध हैं।'

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साथ ही नोटिस में, वैधानिक बोर्ड जो भारत में उच्च शिक्षा के रखरखाव के लिए ज़िम्मेदार है, ने कुछ तथ्यों को सामने रखा कि प्रिंसिपल की नियुक्ति 15 जुलाई, 2018 तक पूरी की जानी थी।

नोटिस जारी कर यूजीसी ने कॉलेजों को 31 अगस्त, 2018 तक स्थायी प्रिंसिपल के चयन प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा है। 

नोटिस में आगे कॉलेजों से आग्रह करते हुए लिखा गया था कि, 'आप स्थायी प्रिंसिपल की नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाएं। इसके साथ ही आप से अनुरोध है कि 31 अगस्त 2018 तक प्रिंसिपल के पद के लिए इंटरव्यू की तारीख यूजीसी को बताए। अगर कॉलेज ऐसा करने में असफल होते हैं तो यूजीसी की तरफ से दिए जाने वाले अनुदान रोक दिए जाएंगे।'

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इस पूरे मुद्दे पर यूजीसी सचिव रजनीश जैन ने मीडिया को इंटरव्यू देते हुए बताया कि 13 अगस्त को नोटिस जारी करने के बाद केवल एक कॉलेज ने स्थायी प्रिंसिपल नियुक्त किया है जबकि कुछ अन्य ऐसा करने की प्रक्रिया में हैं। अगर वे दिए गए समय सीमा में ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके अनुदान और लाभ बंद हो जाएंगे। स्थायी प्रिंसिपल एक अच्छा प्रशासन सुनिश्चित करता है और अकादमिक वातावरण बनाए रखता है। यूजीसी एक शीर्ष निकाय के रूप में लगातार उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने की दिशा में काम कर रहा है।'