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अमेरिका में ट्रंप की आव्रजन नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन

अमेरिका के कई शहरों से हजारों की संख्या में लोग राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आव्रजन नीतियों के विरोध में सड़कों पर उतर आए।

Updated on: 01 Jul 2018, 10:59 AM

नई दिल्ली:

अमेरिका के कई शहरों से हजारों की संख्या में लोग राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आव्रजन नीतियों के विरोध में सड़कों पर उतर आए। इन प्रदर्शनकारियों ने 'फैमिलीज बिलोंग टुगेदर' के नारे लगाए। ये प्रदर्शन ट्रंप की जीरो टॉलरेंस नीति के लागू होने के लगभग दो महीने बाद हो रहे हैं।

जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर अवैध रूप से दाखिल हुए प्रवासियों के बच्चों को उनसे अलग किया जा रहा है।

सीएनएन के मुताबिक, शनिवार को मुख्य रैली वाशिंगटन में हई लेकिन न्यूयॉर्क, फिलाडेल्फिया, शिकागो, मिलवॉकी, डेनवर, मियामी, सेंट लुइस, सैन फ्रांसिस्को और लॉस एंजेलिस जैसे कई शहरों में बड़ी तादाद में लोगों ने प्रदर्शन किए और रैलियां निकाली।

प्रदर्शन कर रहे लोग तुरंत इन प्रवासी बच्चों को इनके परिवार से मिलाने की मांग कर रहे हैं और जिन केंद्रों में बच्चों को रखा जा रहा है, उन्हें बंद करने के लिए आवाज उठा रहे हैं।

प्रदर्शन के आयोजकों का कहना है कि प्रदर्शनकारियों की तीन मांग है। पहली कि वे बिछुड़े प्रवासी परिवारों को तुरंत मिलवाना चाहते हैं। दूसरा, वे चाहते हैं कि सरकार इन फैमिली डिटेंशन सेंटर्स को बंद करे और तीसरा ट्रंप प्रशासन अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को समाप्त करे।

वाशिंगटन में विरोध मार्च में शामिल हुए प्रदर्शनकारी 'शर्म करो', 'शर्म करो' चिल्ला रहे थे। इन प्रदर्शनकारियों ने लाफेट चौक से व्हाइट हाउस तक मार्च निकाला।

अटलांटा में प्रदर्शनकारियों के हाथों में पिंजरे में कैद गुड़िया थी।

न्यूयॉर्क में प्रदर्शनकारियों की भीड़ फोले स्क्वायर पर उमड़ गई। भीड़ ब्रुकलिन पुल की ओर बढ़ी।

हॉस्टन में प्रदर्शनकारी नारेबाजी कर रहे थे कि 'बच्चों को जेल नहीं'। मैक्एलेन, टेक्सास पर भी भीड़ जमा हुई और प्रदर्शन करने लगे।

इन प्रदर्शनों में कई सेलेब्रिटी भी मौजूद थे। जिनमें गायक जॉन लेजेंड थे, जिन्होंने लॉस एंजेलिस में विरोध प्रदर्शन के दौरान अपना गाना 'प्रीच' गाया। गायिका चेर, अभिनेत्री केरी वाशिंगटन और एमी शूमर ने न्यूयॉर्क में मार्च में हिस्सा लिया और गायिका एलिसिया कीज ने वाशिंगटन में परफॉर्म किया।

कई प्रदर्शनकारी प्रशासन की नीति में बदलाव की मांग कर रहे थे।