UNGA में भारत ने पाकिस्तान को लगाई फटकार, कहा- चालबाजियों से बाज आए PAK
अमेरिका के न्यूयॉर्क में 13 सितंबर से संयुक्त राष्ट्र महासभा 77वां सत्र चल रहा है, जबकि 21 सितंबर से इसकी रेगुलर बैठक शुरू हो गई हैं. भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर पहले ही बैठक में हिस्सा लेने न्यूयॉर्क पहुंचे हुए हैं.
नई दिल्ली:
भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई है. न्यूयॉर्क में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली के सत्र को संबोधित करते हुए भारत मिशन प्रथम सचिव मिजिटो विनिटो ने कहा कि एक देश जो दावा करता है कि वह अपने पड़ोसियों के साथ शांति चाहता है, वह कभी भी सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित नहीं करेगा और न ही मुंबई आतंकवादी हमले के योजनाकारों को आश्रय देगा. #UNGA में भारत के जवाब के अधिकार का प्रयोग करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत मिशन प्रथम सचिव, मिजिटो विनिटो ने आगे कहा कि यह खेदजनक है कि पाकिस्तान के PM ने इस सभा में भारत पर झूठे आरोप लगाए। उन्होंने अपने देश में दुष्कर्मों को छिपाने और भारत के ख़िलाफ़ कार्रवाई को सही ठहराने के लिए ऐसा किया.
आपको बता दें कि अमेरिका के न्यूयॉर्क में 13 सितंबर से संयुक्त राष्ट्र महासभा 77वां सत्र चल रहा है, जबकि 21 सितंबर से इसकी रेगुलर बैठक शुरू हो गई हैं. भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर पहले ही बैठक में हिस्सा लेने न्यूयॉर्क पहुंचे हुए हैं. वह आज UNGA के 77वें सत्र को संबोधित करेंगे. इससे पहले भारत ने तुर्किए के संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए उस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी, जिसमें वहां के राष्ट्रपति एर्दोगन ने एक बार फिर जम्मू और कश्मीर का राग अलापा था. तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन ने UNGA को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत और पाकिस्तान को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं, बावजूद इसके दोनों देशों के बीच रिश्तों में आज भी कटुता बनी हुई है. उन्होंने आगे कहा था कि जम्मू और कश्मीर में जल्द ही शांति स्थापित होनी चाहिए. एर्दोगन के इस बयान पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का मामला है. इस मामले में किसी तीसरे देश की टिप्पणी के बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जयशंकर ने कहा कि तुर्किए को कश्मीर पर बयान देते समय साइप्रस जैसे मुद्दों के नहीं भूलना चाहिए.
आपको बता दें कि साइप्रस तुर्किए की दुखती रग है. तुर्किए ने 1974 में साइप्रस पर हमला कर उसके उत्तरी भाग पर कब्जा कर लिया था. दरअसल, भारत का संदेश साफ है कि कश्मीर के मसले पर भारत किसी तीसरे राष्ट्र का कोई हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगा. पाकिस्तान का करीबी समझा जाने वाला तुर्किए इससे पहले भी कश्मीर का राग अलाप चुका है. यही नहीं तुर्किए ने साफ कहा था कि कश्मीर के मुद्दे पर वह पाकिस्तान का समर्थन करेगा. लेकिन हाल ही में उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुई शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्किए के राष्ट्रपित एर्दोगन से मुलाकात की थी, जिसके बाद से माना जा रहा था कि तुर्किए कश्मीर के लेकर अब नरम रुख अपनाएगा.
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