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श्रीलंका में ईंधन और नकदी की ऐतिहासिक कमी से अभी बंद रहेंगे स्कूल

ईंधन और नकदी की जबर्दस्त तंगी से जूझ रही श्रीलंका सरकार ने यह फैसला किया है कि उपलब्ध ईंधन आवश्यक सेवाओं के लिए ही उपलब्ध कराया जाएगा. यानी स्वास्थ्य एवं बंदरगाह कार्यकर्ताओं और सार्वजनिक परिवहन तथा भोजन वितरण कार्यक्रमों के लिए.

Updated on: 04 Jul 2022, 10:52 PM

highlights

  • शिक्षकों और बच्चों के लिए स्कूल तक पहुंचना ही समस्या
  • उपलब्ध ईंधन सिर्फ आवश्यक सेवाओं के लिए ही जारी

कोलंबो:

ऐतिहासिक आर्थिक मंदी में नकदी की कमी से जूझ रहे श्रीलंका में स्कूल अब एक और सप्ताह बंद रहेंगे. इसकी वजह ईंधन की कमी है, जिस कारण शिक्षकों तथा अभिभावकों के लिए बच्चों को स्कूल पहुंचाने का विकल्प ही लगभग बंद हो गया है. इसी बीच श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री ने प्रवासी श्रीलंकाई नागरिकों से अपील की है कि वे अनौपचारिक माध्यमों के बजाय बैंकों के माध्यम से अपनी विदेशी मुद्रा में अर्जित आय घर भेजें, ताकि देश में विदेशी मुद्रा की कमी को दूर करने में मदद मिल सके. गौरतलब है कि विदेशी कर्ज में डूबे द्वीपीय राष्ट्र को कोई भी उधार ईंधन देने को तैयार नहीं है. फिलहाल श्रीलंका में उपलब्ध ईंधन सिर्फ कुछ ही दिन चल पाएगा.

उपलब्ध ईंधन आवश्यक सेवाओं के लिए
ईंधन और नकदी की जबर्दस्त तंगी से जूझ रही श्रीलंका सरकार ने यह फैसला किया है कि उपलब्ध ईंधन आवश्यक सेवाओं के लिए ही उपलब्ध कराया जाएगा. यानी स्वास्थ्य एवं बंदरगाह कार्यकर्ताओं और सार्वजनिक परिवहन तथा भोजन वितरण कार्यक्रमों के लिए. हालांकि सरकार ने नए ईंधन ‘स्टॉक’ का आदेश दिया है. इसके तहत 40,000 मीट्रिक टन डीज़ल शुक्रवार को देश में पहुंचने की उम्मीद है. एक अन्य विमान में 22 जुलाई को पेट्रोल लाया जाएगा. ईंधन की कई खेप आनी है, लेकिन अधिकारी भुगतान के लिए 58.7 करोड़ डॉलर जुटाने की जद्दोजहद में है. गौरतलब है कि श्रीलंका पर सात ईंधन आपूर्तिकर्ताओं का लगभग 80 करोड़ डॉलर बकाया है.

बिजली कटौती से लोग त्रस्त
गौरतलब है कि ईंधन की कमी के चलते पिछले महीने ही देशभर में स्कूल एक दिन के लिए बंद किए गए थे. हालांकि शहरी क्षेत्रों में पिछले दो सप्ताह से स्कूल बंद हैं. अब स्कूल शुक्रवार तक बंद रहेंगे. इसके अलावा सोमवार से देश भर में तीन घंटे की बिजली कटौती भी की जाएगी, क्योंकि बिजली उत्पादन संयंत्रों को पर्याप्त ईंधन की आपूर्ति नहीं है. श्रीलंका में आर्थिक तंगी की वजह से पिछले कई महीनों से व्यापक स्तर पर बिजली कटौती हो रही है. साथ ही रसोई गैस, दवा और खाद्य सामग्री समेत आवश्यक चीजों की भी भारी कमी है, जिस कारण इनकी कीमतें आसमान छू रही हैं.