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ब्रिटिश कोर्ट ने कहा, बैंक ने गाइडलाइन को ताक पर रखकर विजय माल्या को दिया कर्ज़

सुनवाई के दौरान ब्रिटिश जज ने कहा कि यह स्पष्ट है कि भारतीय बैंक ने नियम को ताक पर रखकर किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज़ दिया है और यह 'बंद आंखों' से भी दिखता है।

Updated on: 17 Mar 2018, 08:53 AM

नई दिल्ली:

भगोड़े शराब व्यापारी विजय माल्या शुक्रवार को प्रत्यर्पण मामले में सुनवाई के लिए लंदन के वेस्टमिनिस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में उपस्थित हुए।

सुनवाई के दौरान ब्रिटिश जज ने कहा कि यह स्पष्ट है कि भारतीय बैंक ने नियम को ताक पर रखकर किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज़ दिया है और यह 'बंद आंखों' से भी दिखता है।

एम्मा आर्बथनॉट की अध्यक्षता में लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत ने कहा कि अब वह इस मामले को पहले के मुक़ाबले ज़्यादा स्पष्ट तरीके से समझ सकती हैं क्योंकि तस्वीर अब पूरी तरह साफ़ हो चुकी है।

कोर्ट ने इस मामले को जिग्सॉ पजल यानी कि खांचे जोड़ने वाली पहेली बताते हुए कहा कि माल्या के ख़िलाफ़ ढेर सारे सबूत मिले हैं अगर सारे सबूतों को एक साथ इकट्ठा कर देखा जाए तो पूरा मामला समझा जा सकता है।

कोर्ट ने माना कि बैंक ने माल्या को कर्ज़ देने के लिए अपने ही गाइडलाइन की अनदेखी की। एम्मा ने माल्या के खिलाफ 'षड्यंत्र' के आरोप को समझने के लिए भारतीय अधिकारियों को आमंत्रित किया है। ये उन्हें माल्या के आरोप के अलावा बैंक कर्मियों पर लगे आरोपों को भी समझाने में मदद करेंगे।

बता दें कि 62 वर्षीय माल्या को भारत को प्रत्यर्पित किए जाने को लेकर सुनवाई चल रही है। 

अदालत ने अगर उन्हें भारत भेजने का फैसला लिया तो भारतीय अदालत उनके खिलाफ बैंकों के साथ धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सुनवाई कर सकेगी। उनके खिलाफ करीब 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और हेराफेरी का आरोप है।

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