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H-1B वीजा नियमों को लेकर ट्रंप सरकार सख्त, भारतीयों की बढ़ी चिंता

ट्रंप सरकार ने एच1बी वीजा के नियमों में बदलाव करते हुए सख्ती बढ़ा दी है। ट्रंप सरकार के इस कदम से अमेरिका में आईटी कंपनियों मे काम कर रहे भारतीयों पर काफी असर देखने को मिलेगा।

Updated on: 23 Feb 2018, 06:19 PM

नई दिल्ली:

ट्रंप सरकार ने एच1बी वीजा के नियमों में बदलाव करते हुए सख्ती बढ़ा दी है। ट्रंप सरकार के इस कदम से अमेरिका में आईटी कंपनियों मे काम कर रहे भारतीयों पर काफी असर देखने को मिलेगा।

अमेरिकी सरकार की नई नीति के अनुसार कंपनी को यह साबित करना होगा कि एच1बी वीजा पर बुलाए गए कर्मचारी का कौशल या काम खास तरह का है।

इस नीति के अनुसार सरकार यह वीजा सिर्फ हाई स्किल्ड कर्मचारियों और उस तरह के हुनरमंद लोगों के लिए जारी करता है जिनकी अमेरिका में कमी होती है।

H-1B वीजा नियमों से सबसे अधिक फायदा भारतीय आईटी कंपनियों के कर्मचारियों को होता है।

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आपको बता दें कि अमेरिका का बैंकिंग, ट्रैवल और कमर्शल सर्विसेज सेक्टर भारत के आईटी वर्कर्स पर ही निर्भर हैं।

गुरुवार को जारी हुए 7 पेजों के एक नीतिगत दस्तावेज में एच1बी वीजा के नए नियम जारी किए गए हैं। इसके तहत अमेरिका के नागरिकता और आव्रजन विभाग को यह वीजा केवल तीसरे पक्ष के साइट कार्य (कार्यस्थल) की अवधि तक के लिए जारी करने की ही अनुमति होगी।

इस तरह इसकी अवधि 3 साल से कम की हो सकती है जबकि पहले यह एक बार में 3 साल के लिए दिया जाता था। एच1बी वीजा के आवेदन 2 अप्रैल से आमंत्रित किए जा सकते हैं।

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