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अमेरिकी-भारतीय कारोबारी संगठन ने किया H-1बी वीसा में बदलाव का विरोध

अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने अमेरिकी प्रशासन द्वारा एच-1बी वीसा जारी करने संबंधी नियमों को सख्त बनाने के कदम का विरोध किया है।

Updated on: 06 Jan 2018, 11:45 PM

highlights

  • अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने एच-1बी वीसा जारी करने संबंधी नियमों को सख्त बनाने के कदम का विरोध किया है 
  • भारतीय आईटी कंपनियों की ओर से प्रमुख रूप से एच-1बी वीसा प्राप्त की जाती है

नई दिल्ली:

अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने अमेरिकी प्रशासन  ने एच-1बी वीसा जारी करने संबंधी नियमों को सख्त बनाने के कदम का विरोध किया है।

भारतीय आईटी कंपनियों की ओर से प्रमुख रूप से एच-1बी वीसा प्राप्त की जाती है। अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने एक बयान में कहा, 'अमेरिका में स्थायी निवास के लिए आवेदन करने और वहां वर्षो से काम कर रहे उच्च कौशल वाले व्यक्ति से यह कहना खराब नीति होगी कि अब उनका आदर नहीं होगा।'

चैंबर ने कहा, 'इस नीति से अमेरिकी कारोबार, हमारी अर्थव्यवस्था और देश को नुकसान पहुंचेगा। साथ ही, अधिक प्रतिभा के आधार पर आव्रजन प्रणाली के लक्ष्यों के लिए भी यह मुनासिब नहीं होगा।'

पिछले महीने, अमेरिका की न्यूज एजेंसी मैकक्लेटची के डीसी ब्यूरो की रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरिका की गृह सुरक्षा विभाग नए नियमन पर विचार कर रही है जिसमें एच-1बी वीसा बढ़ाने पर रोक होगी।

इस कदम का मुख्य उदे्दश्य लाखों विदेशी कामगारों को उनकी ग्रीन कार्ड आवेदन लंबित होने पर एच-1बी वीसा से रोकना है।

रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रस्ताव अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से 2016 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान किए वादे 'बाय अमेरिकन हायर अमेरिकन' का हिस्सा है।

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