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डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर लगाया चोरी का इल्जाम, लगाया 60 अरब डॉलर का शुल्क

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन के साथ एक बड़ी व्यापारिक जंग का ऐलान करते चीनी वस्तुओं के आयात पर 60 अरब डॉलर का शुल्क (टैरिफ) लगा दिया है।

Updated on: 23 Mar 2018, 10:34 PM

वाशिंगटन:

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन के साथ एक बड़ी व्यापारिक जंग का ऐलान करते चीनी वस्तुओं के आयात पर 60 अरब डॉलर का शुल्क (टैरिफ) लगा दिया है। इसके साथ ही, अमेरिका ने अमेरिकी प्रौद्योगिकी में निवेश की बीजिंग की आजादी कम कर दी है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में कहा, 'हम इस देश के लिए वह काम कर रहे हैं जो वर्षो पहले हो जाना चाहिए।'

उन्होंने आगे कहा, 'हमारे साथ बौद्धिक संपदा चोरी की बड़ी समस्या है। इसकी बदौलत ही हमारा राष्ट्र शक्तिशाल और समृद्ध है।'

समाचार चैनल 'सीएनएन' की रिपोर्ट के मुताबिक, बौद्धिक संपदा चोरी को लेकर सरकार की ओर से सात महीने जांच करवाने के बाद की गई यह घोषणा काफी समय से लंबित थी, क्योंकि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर जुबानी जंग पहले से ही जारी थी।

शुल्क के अलावा, अमेरिका चीन पर नए निवेश प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है और वह चीन के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन में कार्रवाई करेगा। अमेरिका का ट्रेजरी डिपार्टमेंट इसके लिए अतिरिक्त उपाय करने का प्रस्ताव पेश करेगा।

लगातार 30 दिनों की बयानबाजी के बाद अमेरिकी प्रौद्योगिकी से लाभान्वित हुए चीनी उत्पादों को लक्ष्य में लेकर उनकी सूची सार्वजनिक की जाएगी।

वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, प्रौद्योगिकी के मसले पर चीन के साथ उनका विरोध है और नए आयात शुल्क में ट्रंप ने, जबकि अमेरिका में औद्योगिक धातुओं के संरक्षण की बात की है, मगर इसमें यूरोपीय संघ, ब्राजील, औैर अन्य देशों को छूट दी गई, जहां से अमेरिका में दो तिहाई स्टील का आयात होता है और आधे से अधिक विदेशी अल्युमीनियम को छूट दी गई है।

गुरुवार की घोषणा के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में छह सप्ताह में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई।

अमेरिकी वायदा बाजार वाल स्ट्रीट में बेंचमार्क डॉव जोंस 700 अंक लुढ़का।

उधर, चीनी की सरकार ने शुक्रवार को जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी वस्तुओं के आयात पर तीन अरब का शुल्क लगाने की धमकी दी है, जिनमें सुअर का गोश्त, वाइन और स्टील पाइप शामिल हैं।

चीन के वाणिज्य मंत्री ने एक बयान में कहा, 'ट्रंप की घोषणा बिल्कुल एक तरफा और संरक्षणवादी है और इसने बहुत खराब मिसाल कायम की है।'

उन्होंने कहा, 'चीन व्यापारिक जंग में नहीं जाना चाहता है, लेकिन वह व्यापार युद्ध से भयभीत भी नहीं है।'

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